HomeUttar PradeshAgraLathamar Holi 2022: बरसाना की लठामार होली, यहां तो बूढ़ी हड्डियों में...

Lathamar Holi 2022: बरसाना की लठामार होली, यहां तो बूढ़ी हड्डियों में भी है नौजवानों जैसा जोश

आगरा
जग होरी, ब्रज होरा यूं हीं नहीं कहा जाता, ब्रज में होली की बात ही निराली है। फिर लठामार होली हो क्या कहने। कहते हैं कि होली में जेठ भी देवर बन जाते हैं। बरसाना की लठामार होली का सुरूर भी कुछ ऐसा ही है। जिनकी उम्र लाठी लेकर चलने लायक हो गई है, वह भी हुरियारे बन नई-नवेली हुरियारिनों के लठ का वार ढाल पर झेलने को उत्साहित हैं। कहते हैं कि तन में ताकत नहीं तो क्या हुआ, मन है कि मानता नहीं। बरसाना की लठामार होली जगप्रसिद्ध है।

Advertisements

नंदगांव के हुरियारे बरसाना की हुरियारिनों से लठामार होली खेलने आते हैं। सजी-धजी हुरियारिन पूरी ताकत से लठ बरसाती हैं और उस प्रहार को ढाल पर हुरियारे झेलते हैं। अगले दिन बरसाना के हुरियारे नंदगांव में होली खेलने जाते हैं, तो नंदगांव की हुरियारिन बरसाना के हुरियारों पर लठ बरसाती हैं। कृष्णयुगीन इस परंपरा का निर्वहन करने को ब्रजवासी उत्साहित हैं। वर्षों से हुरियारिनों के लठों का वार सहते आ रहे हुरियारों की उम्र भले ही साथ नहीं दे रही, लेकिन उत्साह कई गुना बढ़ गया है।

Advertisements

बरसाना के गोविंदा गोस्वामी की उम्र 75 बरस हो गई हैष। लेकिन आज भी होली का जिक्र छिड़ते ही जैसे जवान से हो जाते हैं। 15 बरस की उम्र से नंदगांव में लठामार होली खेलने जाते हैं। कहते हैं बुजुर्ग हो गया हूं, लेकिन होली के दिन न जाने कहां से शरीर में ताकत आ जाती है।

Advertisements

बरसाना के ही मदन मोहन रसिया भी 70 के हो गए हैं। करीब पांच दशक से होली खेलने नंदगांव जाते हैं। कहते हैं होली का अंदाज ही निराला है। नंदगांव के रामशरण शास्त्री 75 साल के हैं। दस साल की उम्र में ही होली खेलने लगे थे।

Advertisements
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments