आगरा
मुगल शहंशाह शाहजहां का उर्स ताजमहल में 27 फरवरी से एक मार्च तक मनाया जाएगा। तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक कपड़े की सतरंगी चादर चढ़ाई जाएगी। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा इस बार 1381 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी, पिछले वर्ष उर्स में 1331 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई थी। उर्स में चढ़ाई जाने वाली यह चादर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है।
शहंशाह शाहजहां का उर्स रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है। इस बार यह तिथियां 27 व 28 फरवरी और एक मार्च को हैं। उर्स की शुरुआत 27 फरवरी को दोपहर दो बजे मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों पर गुस्ल की रस्म से होगी। दूसरे दिन दोपहर दो बजे संदल चढ़ाया जाएगा। तीसरे दिन सुबह से शाम तक चादरपोशी का सिलसिला चलेगा। इसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा चढ़ाई जाने वाली सतरंगी चादर रहेगी। हाजी ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि उर्स में चादरपोशी के लिए कपड़े की चादर तैयार कराई जा रही है। इस बार 1381 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष चादर की लंबाई बढ़ाई जाती है।
शहंशाह शाहजहां व मुमताज की तहखाने में स्थित कब्रों को केवल उर्स के दौरान ही खोला जाता है। उर्स के पहले व दूसरे दिन दोपहर दो बजे से और तीसरे दिन सुबह से सूर्यास्त तक पर्यटक इन्हें देख सकते हैं।
उर्स के दौरान पर्यटकों व जायरीनों के लिए ताजमहल में प्रवेश निश्शुल्क रहेगा। 27 व 28 फरवरी को दोपहर दो बजे से और एक मार्च को पूरे दिन स्मारक में टिकट लागू नहीं होगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा नोटिफिकेशन किया जा चुका है।