आगरा
कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में डकैती डालने वाले गैंग का सरगना नरेंद्र उर्फ लाला आखिरकर पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका था। सात माह से पुलिस लाला को गिरफ्तार करने में नाकाम साबित हो रही थी। जबकि उसके दो साथी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गए और इस मामले में महिला समेत 14 को पुलिस जेल भेज चुकी है। बताया जा रहा है कि नरेंद्र कोलकाता में गिरफ्तार हुआ है। पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आगरा आ रही है। नरेंद्र के पास कुल लूटे गए सोने में से लगभग साढ़े चार किलोग्राम सोना था।
कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में 17 जुलाई को दिनदहाड़े डकैती पड़ी थी। फिरोजाबाद के हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला ने साथियों के साथ मिलकर शाखा से 19 किलोग्राम से अधिक सोना और कैश लूट लिया था। वारदात के बाद गैंग के दो सदस्य मनीष और निर्दोष एत्मादपुर में मुठभेड़ में ढेर हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके 14 लोगों को इस मामले में जेल भेज दिया। गैंग का सरगना नरेंद्र उर्फ लाला पुलिस के हाथ नहीं आया। उस तक पहुंचने के पुलिस ने रिश्तेदार और करीबियों को भी पकड़कर जेल भेजा। सात माह से पुलिस नरेंद्र की तलाश में दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, के अलावा फिरोजाबाद, मैनपुरी, गाजियाबाद व नोएडा समेत एक दर्जन से ज्यादा शहरों की खाक छान चुकी है। पुलिस को नरेंद्र उर्फ लाला के ओडिशा में होने की जानकारी मिली थी। पुलिस की टीम उसकी गिरफ्तारी को वहां पहुंची, लेकिन उससे पहले ही शातिर भाग निकला। वह साढ़े चार किलोग्राम सोने को लेकर कहां फरारी काट रहा था। पुलिस को इसके बारे में कुछ नहीं पता। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि इनामी बदमाश की गिरफ्तारी को थाना पुलिस के साथ-साथ सर्विलांस, एसओजी और क्रिमिनल इंटेलीजेंस विंग की टीम लगी हुई हैं। उसकी गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
डकैती के बाद पुलिस ने मनीष व निर्दोष को मुठभेड़ में ढेर किया था। उनके पास से 7.5 किलो सोना और आभूषण बरामद किए थे। इसके बाद 21 जुलाई 2021 को डर के कारण आरोपी प्रभात ने थाने में समर्पण किया था। 23 जुलाई को पुलिस ने संतोष जाटव को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लगभग एक किलो सोने के आभूषण बरामद किए थे। 27 जुलाई को अंशु सोलंकी और सहयोगी अंशु यादव उर्फ ध्रुव व संजय शर्मा को गिरफ्तार किया था। दो अगस्त को पुलिस ने इनामी रेनू पंडित को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। तीन अगस्त को सुनीता और राजा को गिरफ्तार किया गया। चार अगस्त को आकाश मिश्रा और अश्वनी मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। 10 अगस्त को देर रात देवेंद्र यादव, दीपू, मनोज और सचिन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।