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आगरा में बच्‍ची से हैवानियत, मां-बेटी को एक महीने घर में बंधक बनाकर रखा

आगरा
सिकंदरा थाना क्षेत्र में साल वर्षीय बालिका से हैवानियत और मां के साथ घर में एक महीने तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। इस दौरान महिला ने पुलिस तक पहुंचने का प्रयास किया तो उसके साथ मारपीट की गई। महिला के मायके वालों ने पुलिस की मदद से दोनों को ससुराल से निकाला। मां का आरोप है कि पुलिस मामले में सुनवाई नहीं कर ही है, शिकायत के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया। मंगलवार को महिला ने पीड़ित बेटी के साथ चाइल्ड लाइन में शिकायत की।

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महिला के अनुसार घटना 11 जनवरी की है। वह अपनी रिश्तेदारी में गमी में फिरने गई थी। सात वर्षीय पुत्री समेत चारों बच्चों को उसके चाचा के पास छोड़ गई थी। वह कई घंटे बाद घर लौटी तो पुत्री ने दर्द की शिकायत की। वह पुत्री को लेकर सास के साथ उपचार के लिए पास के क्लीनिक पर लेकर गई। वहां पर पुलिस केस बताते हुए इसकी शिकायत करने की कहा। पीड़ित के अनुसार जिस पर सास उसे व पुत्री को लेकर चली आई। उसका भरतपुर के डीग में एक प्राइवेट क्लीनिक से इलाज कराया। पीड़िता के अनुसार उसने पति और सास से देवर पर कार्रवाई को कहा। दोनों बदनामी व परिवार बिखरने का हवाला देकर उसे चुप कराने का प्रयास करते रहे। विरोध किया तो सास ने उसका मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया। उसके व पुत्री के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी।

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इस दौरान मायके वाले कई बार दोनों से मिलने आए, ससुराल वालों ने बहाना बनाकर लौटा दिया। एक महीने इलाज से पुत्री का जख्म भर गया। मायके वाले 20 फरवरी को महिला से मिलने आए थे। ससुराल वालों के व्यवहार से उन्हें शक हो गया। उन्होंने 112 नंबर पर सूचना देकर पुलिस को बुला लिया। उसकी मदद से मां-बेटी को वहां से निकाला। पीड़िता ने मायके वालों को पुत्री के साथ हुई घटना की जानकारी दी।

पीड़िता का आरोप है कि थाने वालों ने सुनवाई नहीं की। पुलिस का कहना था कि वह एक महीने बाद इसकी शिकायत करने क्यों आए हैं। जिस पर मंगलवार को पीड़िता अपनी पुत्री को लेकर चाइल्ड लाइन के सामने प्रस्तुत हुई। चाइल्ड लाइन समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि मामले में अधिकारियों से शिकायत की जाएगी।

पीड़िता ने चाइल्ड लाइन को बताया कि पति व ससुराल वालों ने उसे भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। पति एक महीने तक तो उसे आश्वासन देता रहा कि वह कार्रवाई कराएगा। वह हर तरह से उसके साथ है। एक महीने चले इलाज के बाद उसके भी सुर बदल गए। उनका कहना था कि बालिका इलाज से अब सही हो गई है। इसलिए उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। वहीं, पति ने कहा कि वह देवर की जगह उस पर आरोप लगा दे।

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मामले में इंस्पेक्टर सिकंदरा बलवान सिंह का कहना है कि मामला देवर-भाभी के विवाद का है। जिस घर में बंधक बनाने की बात कही जा रही है, उसमें एक दर्जन से अधिक लोग रहते हैं। आरोप लगाने वाली महिला की बहन की शादी भी उसी घर में हुई है। बुधवार को दोनों पक्ष को बुलाया गया है।

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