आगरा
बुधवार से शादी-विवाह और मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्त पर 53 दिनों का विराम लग जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि 23 फरवरी से गुरु ग्रह अस्त हो रहे हैं। इनके उदय होने से पहले ही 14 मार्च को मीन राशि में सूर्य ग्रह के प्रवेश और 14 अप्रैल तक इसी राशि में रहने से खरमास लग जाएगा। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक व शुभ कार्य नहीं होंगे। शुभ कार्यों के लिए लोगों को अब 53 दिन का इंतजार करना होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि 23 फरवरी से गुरु ग्रह अस्त हो जाएंगे। इस कारण बृहस्पति 23 फरवरी से 20 मार्च तक अस्त रहेंगे। उनकी उदया तिथि से पहले ही 14 मार्च को मीन राशि में सूर्य ग्रह का प्रवेश हो जाएगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा, यह खरमास का कारक है। लिहाजा अब आगामी 53 दिन तक किसी भी तरह के मांगलिक व शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह आदि नहीं होंगे।
आठ दिवसीय होलिकाष्टक 10 मार्च से होगा। जबकि मीन का मलमास होने के कारण 14 मार्च से 14 अप्रैल तक शुभ कार्य नहीं होंगे। 53 दिन के ब्रेक के बाद अप्रैल से जुलाई तक चार माह में सिर्फ 40 दिन ही शहनाई गूंजेगी। दूसरे सीजन में विवाह का पहला मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा। इसके बाद अप्रैल माह में छह, मई में 13, जून में 10 और जुलाई माह में चार मुहूर्त होंगे। 10 जुलाई से देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास शुरु होने से चार माह के लिए विवाह संस्कार सहित मांगलिक कार्य फिर रुक जाएंगे, जो नवंबर में देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे।
ज्योतिषियों के अनुसार सौरमंडल में कोई ग्रह जब सूर्य से एक निश्चित दूरी पर आता है, तो प्रभावहीन हो जाता है। इस कारण वह अपनी आभा व शक्ति खोने लगता है और वह ग्रह सौरमंडल में दिखाई देना बंद हो जाता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना कहा जाता है। जब भी शादी-विवाह व लग्न आदि मांगलिक कार्यों हो सकते हैं, तो शुभ लग्न या मुहूर्त के लिए ग्रह व तारों का बल देखा जाता है। गुरु या शुक्र ग्रह के उदित होते ही मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। जबकि इनके अस्त होने पर विवाह संस्कार व शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।