आगरा
चौदह माह में धन दोगुना करने का झांसा देकर एक निजी कंपनी ने किसानों को जाल में फंसा लिया। निवेश के नाम पर उनकी रकम लेकर दो माह तक मासिक किश्त उनके खाते में ट्रांसफर की। इसके बाद कंपनी के अधिकारी गायब हो गए। 31 पीड़ित मंगलवार को एसएसपी आफिस पहुंचे और ठगी की शिकायत की। एसएसपी ने इंस्पेक्टर सदर को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सदर के डिफेंस कालोनी निवासी हरिपाल सिंह ने एसएसपी आफिस में लिखित शिकायत की है। उनके साथ 30 और पीड़ित थे। पीड़ितों ने बताया कि गुरुग्राम की कंपनी फिश फारच्यून के कुछ प्रतिनिधियों ने उनसे संपर्क किया। उन्हें बताया कि केंद्र सरकार की स्कीम के तहत उनकी कंपनी मछली पालन में निवेश करा रही है। 11 और साढ़े पांच लाख रुपये की दो स्कीम हैं। ये धनराशि जमा करने पर कंपनी द्वारा 14 माह में धन दोगुना करके खातों में वापस कर दिया जाएगा। किसानों को बस जमीन उपलब्ध करानी है। उसमें तालाब खुदवाने से लेकर मछली पालन करने तक का खर्च कंपनी को उठाना था। कंपनी प्रतिनिधियों के झांसे में आकर हरिपाल सिंह ने 11 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा करा दिए। उनकी तरह तमाम किसानों ने कंपनी के खाते में रकम जमा करा दी।
दो-तीन माह तक कंपनी द्वारा निवेशकों के खाते में किश्त जमा कराई गई। इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि और अधिकारी गायब हो गए। अब तक करीब 31 पीड़ित सामने आ चुके हैं। पीड़ितों की संख्या इससे कई गुना अधिक है। ठगी की रकम तीन करोड़ से भी अधिक है। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर सदर को मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कुछ निवेशकों को दिया वर्चुअल करेंसी का झांसा
कंपनी के प्रतिनिधियों ने कुछ निवेशकों को उनकी रकम सुरक्षित होने का भरोसा दिलाने को उनके नाम से वर्चुल करेंसी सिक्योरिटी के रूप में देने का भी झांसा किया। एक फर्जी वेब साइट बनाकर उस पर निवेशकों के नाम से बिटक्वाइन दिखा दिए। निवेशकों को बताया गया कि दस वर्ष बाद वर्चुअल करेंसी की कीमत बहुत बढ़ जाएगी। कंपनी के गायब होने के बाद इसीलिए कुछ किसान पहले शांत बैठे थे। कुछ दिन बाद उन्होंने वेब साइट सर्च की तो यूआरएल नॉट फाउंड लिखा आ गया। इसके बाद वे पीड़ित भी अन्य के साथ आ गए।