अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्रोजेक्ट से जुड़े विवाद सामने आने के बाद इसकी कमान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने हाथों में ले ली है। अब तक संघ के सरकार्यवाह रहे भैयाजी जोशी मंदिर परियोजना के केयरटेकर की भूमिका निभाएंगे। यानी अब पूरा प्रोजेक्ट भैयाजी जोशी की देखरेख में चलेगा। संघ में अनौपचारिक तौर पर यह निर्णय हो गया है।
हालांकि, औपचारिक तौर पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट देख रहा है, जिसके सचिव चंपत राय हैं। राय को विश्व हिन्दू परिषद से ट्रस्ट में मनोनीत किया गया है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अभी तक 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इकट्ठा हुई हैं, लेकिन अनुमान है कि पूरी अयोध्या को विकसित करने के लिए इस प्रोजेक्ट पर करीब 10,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगें।
संघ चाहता है कि मंदिर निर्माण का प्रोजेक्ट संदेह से परे हो
कुछ लोगों का मानना है कि संघ ने भैयाजी जोशी को यह ज़िम्मेदारी मंदिर के लिए जमीन खरीद से जुड़ी अनियमितताओं की खबरें सामने आने के बाद सौंपी है। हालांकि, संघ के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि ज़मीन खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ है, लेकिन इस तरह की खबरें और आरोप उसे भी चिंता में डाल रहे हैं। संघ चाहता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर निर्माण से जुड़ी परियोजना में किसी तरह का संदेह न रहे।
आप के सांसद संजय सिंह ने लगाए थे घोटाले के आरोप
पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने 2 करोड़ रूपए की ज़मीन 18 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत देकर खरीदी है। इसके अलावा कई दूसरे प्लॉट्स की खरीद में अनियमितताओं के आरोप कुछ और लोगों ने भी लगाए हैं।