कर्नाटक में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) का पहला मामला दर्ज किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं है और उसके किसी भी संपर्क में यह वायरस नहीं आया है. राज्य के मैसुरु में ये मामला सामने आया है. मरीज को आइसोलेट कर दिया गया है. जिसे हमने अलग कर दिया है. हालांकि, मरीज एसिमटोमेटिक है.
सुधाकर ने बताया कि राज्य सरकार नए वेरिएंट की सावधानी से निगरानी कर रही है और उसने राज्य में छह जीनोम लेबोरेटरी स्थापित करने का फैसला लिया है. कर्नाटक में रोज लगभग 1.5 लाख से दो लाख लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. सरकार उन सभी जिलों में वैक्सीन भेज रही है जहां डेल्टा प्लस सीक्वेंसिंग का संदेह है.
राज्य सरकार लगातार कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में है. माना जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खरतनाक होगी. सुधाकर ने कहा कि आईसीयू के साथ बाल चिकित्सा वार्ड स्थापित करने और सभी जिलों में 45 दिनों के अंदर डॉक्टरों और नर्सों को नियुक्त करने की तैयारी चल रही है.
देश में जानलेवा कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. देश में अब तक डेल्टा प्लस वेरियंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कर्नाटक में अबतक इसके मामले दर्ज किए गए हैं.
डेल्टा प्लस वेरिएंट को सबसे खतरनाक वेरिएंट माना जा रहा है. अमेरिका में सामने आने वाले कोरोना वायरस के नए मामलों में से 20 फीसदी से अधिक में संक्रमण की वजह डेल्टा वेरिएंट है. ब्रिटेन में भी ये वेरिएंट हावी हो चुका है. इसका फैलाव सबसे ज्यादा हो सकता है.