उत्तर प्रदेश में एक जून से पूरे राज्य के हर जिले में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगानी शुरू हो जाएगी। अभी 75 जिलो वाले राज्य में यह व्यवस्था महज 27 जिलो में ही है यानी कि अभी 48 जिलों में इस उम्र के लोगों को टीका लगा ही नहीं। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई से ही पूरे देश में 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों को टीका लगवाने के दिशा निर्देश दिए थे। वैक्सीन न लगने की समस्या सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि एमपी, हिमाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, असम समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी है।
जब यह फैसला लिया गया कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगेगा तो गैर भाजपा शासित राज्यों ने खुलकर कहना शुरू किया कि उनके पास वैक्सीन ही नहीं हैं तो लगाई कैसे जाएगी। नतीजा ये हुआ कि एक मई से लगने वाली 18 प्लस वालों को वैक्सीन समय पर लगनी ही नहीं शुरू हो सकी। ये तो बात रही गैर भाजपा शासित राज्यों की। अब बारी भाजपा शासित राज्यों की। भाजपा शासित राज्यों ने वैक्सीन की कमी को लेकर कोई हो हल्ला नहीं किया लेकिन हकीकत इन राज्यों में भी ठीक वैसी ही है जैसी गैर भाजपा शासित राज्यों की।
यूपी में एक जून से सभी जिलों में लगेंगे टीके
देश के सबसे बड़े सूबे यूपी में एक जून से उन सभी जिलों में टीके लगाने की व्यवस्था की जा रही है जहां पर अभी तक टीके नहीं लगवाए गए थे। इसी तरीके से हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में टीकाकरण की रफ्तार कम थी वहां पर भी अगले सप्ताह में टीकाकरण बढ़ाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में टीकाकरण की रफ्तार ना सिर्फ कम थी बल्कि कुछ जिलों में टीकाकरण केंद्र बंद कर दिया गए थे। राज्य सरकार के मुताबिक सभी टीकाकरण केंद्रों पर 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का नियमित टीकाकरण हो रहा है। जहां पर रफ्तार कम है वहां पर यह टीकाकरण तेज किया जाएगा।
गैर भाजपा शासित राज्यों जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और केरल समेत कर्नाटक ने शुरुआत से ही कम टीकों के चलते संपूर्ण टीकाकरण के लिए हाथ खड़े कर दिए थे। सभी राज्यों ने केंद्र सरकार को लिखकर दिया था कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण नहीं हो सकता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक ने तो बाकायदा अपने कई केंद्र तक इसी वजह से बंद कर दिए थे।