दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे रहे, शनिवार दिन में उनकी संख्या बढ़ती गई क्योंकि काफी संख्या में किसान यहां और पहुंच गए और सैकड़ों किसान महानगर के बुराड़ी मैदान में इकट्ठे हुए और नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे रहे, शनिवार दिन में उनकी संख्या बढ़ती गई क्योंकि काफी संख्या में किसान यहां और पहुंच गए और सैकड़ों किसान महानगर के बुराड़ी मैदान में इकट्ठे हुए और नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत शुक्रवार को जहां किसानों और पुलिस के बीच जोरदार संघर्ष हुआ जिसमें पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे वहीं किसानों ने अवरोधकों को तोड़ डाला और पथराव किया, वहीं शनिवार को शांति बनी रही. लेकिन महानगर के बाहर हजारों की संख्या में किसानों के जमे होने के कारण तनाव बना रहा. स्पष्ट रूपरेखा नहीं होने के बावजूद पंजाब के 30 संगठनों सहित कई समूहों के किसानों का संकल्प स्पष्ट है और उनमें से कुछ का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता है तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे और कुछ किसानों का कहना है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि उनकी आवाज सुनी जाए.
ये मुख्यत: पंजाब और हरियाणा के किसान हैं लेकिन मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के किसान भी यहां आए हुए हैं. सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों में पहुंचे हैं और पानी की बौछारों तथा आंसू गैस के गोले का सामना करते हुए तीन दिनों से वहां जमे हुए हैं.