बिहार में विधान सभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की तिथि जैसे जैसे निकट आ रही है यहाँ चुनावी सरगर्मियाँ बढ़ती जा रही हैं और राज्य में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने की आकांक्षा लिए दोनों ही गठबंधन के नेता अब आमने सामने दिखायी दे रहे हैं . राज्य के विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की मानसिकता को यहाँ कई बातें प्रभावित करती रही हैं लेकिन इस बात को नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा कि विकास और सुशासन के प्रतीक के रूप में नीतीश कुमार का जादू अब भी राज्य में बरकरार है . तेजस्वी यादव युवा नेता हैं और इस बार टिकट बँटवारे में पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के प्रति अपनी प्राथमिकताओं में काफी हेरफेर करते समाज के सभी वर्गों के लोगों के समर्थन से राज्य में नयी सरकार के गठन की कोशिशों में वे संलग्न हैं . फिलहाल ऊँट किस करवट बैठेगा यह कहना कठिन होगा लेकिन यह चुनाव इसी दृष्टि से निर्णायक भी है . इस बार विभिन्न दलों के काफी प्रभावशाली नेता भी टिकट से वंचित होकर चुनाव मैदान में हैं और इनकी व्यक्तिगत राजनीतिक उपलब्धियों की क्या भूमिका नयी सरकार के गठन में होगी यह चुनाव परिणाम के आने के बाद ही पता चलेगा ।
राजीव कुमार झा की रिपोर्ट