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ये समय लापरवाही बरतने का नहीं – मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) ने सोमवार को देश के नाम संबोधन (Address to the Nation)में मौजूदा फेस्टिव सीजन में कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह लापरवाही नहीं बरतने की अपील की है. उन्‍होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी को लेकर स्थिति बेशक सुधरी है लेकिन हमें यह भूलना नहीं कि लॉकडाउन भले ही चला गया है कि लेकिन वायरस नहीं गया है.

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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम सभी भारतवासियों ने लंबा सफर तय किया है. समय बीतने के साथ आर्थिक गतिवधियों में तेजी नजर आ रही है, हममें से ज्‍यादातर जीवन को गति देने के लिए बाहर निकल रहे हैं, त्‍योहारों के समय बाजारों में रौनक धीरे-धीरे लौट रही है. हमें भूलना नहीं है लॉकडाउन भले ही चला गया हो वायरस नहीं गया है.

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भारत जिस स्थिति में है उसे हमें बिगड़ने नहीं देना है, उसमें सुधार करना है. भारत में रिकवरी रेट अच्‍छी है, फेटेलिटी रेट कम है. भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मृत्यु दर 83 है जबकि अमेरिका, स्‍पेन जैसे उन्‍नत देशों में यह आंकड़ा 600 के पार है. भारत अपने ज्‍यादा से ज्‍यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहो रहा है. कोरोना के मरीजों के लिए देश में 90 हजार बेड्स की सुविधा उपलब्‍ध हैं, 2 हजार लैब काम कर रही है. टेस्‍ट की संख्‍या जल्‍द ही 10 करोड़ के आंकड़ों को पार कर जाएगी.

सेवा परमो धर्म के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्‍टर, नर्स, स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी निस्‍वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं. यह समय लापरवाह होने की नहीं है, यह मानने का नहीं कि कोरोना चला गया, हाल में हमने बहत से वीडियो देखे हैं जिसमें पता चलता है कि लोगों ने सावधानी बरतना या तो बंद कर दिया है या ढिलाई बरत रहे हैं यह ठीक नहीं है. अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप अपने परिवार को, बुजुर्गो को बच्‍चों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं. मामले अचानक बढ़ने लगे है चिंताजनक इजाफा हो रहा है.

संत कबीर ने कहा है, ‘पकी खेती देखिके, गरब किया किसान. अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान..’ यानी जब तक सफलता पूरी न मिल जाए लापरवाही नहीं करनी चाहिए. जब तक महामारी की वैक्‍सीन नहीं आती, हमें लड़ाई को रत्‍ती भर कमजोर नहीं पड़ने देना है.

विश्‍वभर में वैक्‍सीन पर काम हो रहा है, हमारे देश वैक्‍सीन के लिए जीजान से जुटे हैं. कोरोना की वैक्‍सीन जब भी आएगी, वह जल्‍द से जल्‍द हर नागरिक तक कैसे पहुंचे, इसके लिए तैयारी जारी है, तेजी से काम हो रहा है.

रामचरित मानस में कई शिक्षापद बातें है तो चेतावनियां भी हैं- रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि…इसका आशय यह है कि शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा नहीं समझना चाहिए. . पूरा इलाज होने तक इन्‍हें हल्‍के में नहीं लेना चाहिए जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, त्‍योहारर का समय खुशियों का समय है लेकिन छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है.

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सतर्कता से चलेंगे तभी बात बनेगी. दो गज की दूरी मास्‍क लगाना आदि का ध्‍यान रखिए. मैं आपको, आपके परिवार को स्‍वस्‍थ देखना चाहता हूं इसलिए बार-बार देशवासियों से आग्रह करता हूं. मीडिया व सोशल मीडिया के साथियों से आग्रह करता हूं क‍ि जितना जनजागरण अभियान छेड़ेंगे, देश की उतनी ही बड़ी सेवा होगी. इन्‍ही शुभकामनाओं के साथ नवरात्र, दशहरा, दीवाली, ईद, छट पूजा गुरु नानक जयंती की बहुत बहुत शुभकामनाएं धन्‍यवाद…

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