उत्तर प्रदेश में विधानसभा के लिए विधानसभा उपचुनाव होना है। प्रत्याशी चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। कोई लग्जरी गाड़ी से प्रचार कर रहा है तो कोई अन्य वाहनों से। प्रत्याशियों के प्रचार में कई वाहनों का काफिला भी शामिल रहता है लेकिन पांच बार विधायक रहने वाला एक व्यक्ति आज भी पैदल चलता है। उसके पास न रहने को अपना मकान है और न चलने के लिए चार पहिया गाड़ी ही।
वर्तमान में टूंडला विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहा है। इसी विधानसभा में रहने वाले 73 वर्षीय चन्द्रभान मौर्य पांच बार के विधायक रहे हैं। पूर्व विधायक कहते हैं कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा था। वो आज भी अपनी पुस्तैनी जमीन और पेंशन के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं।
पूर्व विधायक बताते हैं कि उन्होंने आगरा में अपना घर बनाने के लिए एक प्लॉट खरीदा था लेकिन तभी उनके बड़े बेटे प्रेम की तबियत खराब हो गई और उन्हें वह प्लॉट बेचना पड़ा था। उसके बाद वह फिर कभी प्लॉट के लिए रूपए एकत्रित नहीं कर सके। नतीजन आज भी वह किराए के मकान में गुजर बसर कर रहे हैं। पेंशन से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी ईमानदारी की मिसाल आज पूरा क्षेत्र देता है। आज भी वह लोगों के काम पैदल जा-जाकर कराते हैं।
72 वर्षीय चन्द्रभान मौर्य ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लोकदल से लड़ा था और जीते थे। 1980 में वह हार गए जबकि 1985 में लोकदल से ही दोबारा जीत का सिलसिला शुरू हो गया। 1989 और 1991 में जनता दल से और 1993 में समाजवादी पार्टी से विजय हासिल की।
पूर्व विधायक की पुत्रवधू पुष्पा मौर्य को एक बार नगर पालिका टूंडला का प्रनिधित्व करने का मौका मिला तो उन्होंने आशियाना बनाने के साथ ही ठाठ-बाट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पूर्व विधायक आज भी अपने दो पुत्रों के साथ अलग किराए के मकान में जिंदगी की गुजर बसर कर रहे हैं।