आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी फंसते हुए नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ अब 100 लॉ छात्र खड़े हो गए हैं। पूरे देश से इन छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमन्ना (Justice NV Ramana) के लिए अपमानजनक आचरण (contemptuous conduct) करने के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। इन छात्रों ने सीएम के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने सीएम को पद से हटाने पर जोर दिया है।
जानें पूरा मामला
बता दें कि आंध्र प्रदेश के सीएम ने सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमन्ना पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमन्ना राज्य सरकार को कार्य करने में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक चिट्ठी में लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट जज एनवी रमन्ना आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कामकाज में दखल देते हैं, जिससे उनका कार्य प्रभावित होता है।
जज की बेटियों के खिलाफ भी बोल थे मुख्यमंत्री
इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया था कि विपक्षी नेता चंद्रबाबू नाडयडू के साथ मिलकर वह उनकी सरकार गिराने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री यही नहीं रुके उन्होंने एनवी रमन्ना की बेटियों के खिलाफ भी जमीनों की खरीद-फरोख्त के मामले में चीफ जस्टिस से शिकायत की थीं।
वहीं न्यायपालिका के वकीलों और जजों के मुताबिक, इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जज पर किसी सीएम ने इस तरह से आरोप लगाए हैं।
सीएम पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
सुप्रीम कोर्ट के वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार सहित 30 से अधिक आपराधिक मामले हैं जोकि बेहद गंभीर है।