Advertisement
HomeUttar PradeshAgraमधुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अपील स्वीकार किए जाने पर बोले...

मधुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अपील स्वीकार किए जाने पर बोले ओवैसी- आरएसएस से रहें सतर्क

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर अपील को जिला अदालत ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी समेत सभी चार प्रतिवादियों को नोटिसा जारी किए गए हैं, अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होनी है।

इस अपील के स्वीकार कर लिए जाने के बाद अब राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। इसी मामले में शानिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

सोशल मीडिया ट्वीटर पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को संघ के विचारों से सावधान रहना चाहिए। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भी कहीं न कहीं संघ को समर्थन रहता है जिससे वो कामयाब हो जाते हैं। बाबरी मस्जिद से संबंधित फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के फैसले से संघ परिवार को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि यदि हम अभी भी नहीं चेते तो संघ इस

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर अपील को जिला अदालत ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी समेत सभी चार प्रतिवादियों को नोटिसा जारी किए गए हैं, अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होनी है।

इस अपील के स्वीकार कर लिए जाने के बाद अब राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। इसी मामले में शानिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

सोशल मीडिया ट्वीटर पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को संघ के विचारों से सावधान रहना चाहिए। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भी कहीं न कहीं संघ को समर्थन रहता है जिससे वो कामयाब हो जाते हैं। बाबरी मस्जिद से संबंधित फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के फैसले से संघ परिवार को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि यदि हम अभी भी नहीं चेते तो संघ इस

दिशा में और भी हिंसक अभियान शुरू कर सकता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच विवाद को 1968 में सुलझा लिया गया था, उसके बाद से चीजें वैसी ही चल रही थी, अब बाबरी मस्जिद पर फैसला आने के बाद फिर से इस मुद्दे को जीवित किया जा रहा है। इसको लेकर कोर्ट में केस दायर किया जा रहा है। जबकि इससे पहले दायर याचिका को स्वीकार नहीं किया गया था, अब फिर से याचिका स्वीकार कर ली गई है। इसके संकेत अच्छे नहीं हैं।

ओवैसी ने इससे पहले पहले कहा था कि “पूजा का स्थान अधिनियम 1991 पूजा के स्थान को बदलने से मना करता है। गृह मंत्रालय को इस अधिनियम का प्रशासन सौंपा गया है, इसकी प्रतिक्रिया कोर्ट में क्या होगी? शाही ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने अक्टूबर 1968 में इस विवाद को हल किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments