हाथरस के केस में मनीषा के साथ जो हुआ अब उसमें एक संदेहजनक स्थिति पैदा हो चुकी है। एक तरफ वीडियोस वायरल हो रही है पीड़िता की माँ के स्टेटमेंट का जिसमे वो अपने बयां को बदल रही है। पहले बयान में माँ कहती है की एक अकेला लड़का मुख्या अभियुक्त जिसका नाम संदीप बताया जा रहा है पीड़िता का कहना है की उसने सिर्फ उस लड़के को अपनी बेटी को खींचते हुए देखा और उसका गाला दबाकर मरने की कोशिश करते हुए देखा गया। फिर कुछ समय बाद इस घटना में तीन लोगों के नाम और खुलते हैं। और दबाव बनाये जाने के बाद मुकदमा लिखा जाता है।
मनीषा की मौत के बाद शव को लावारिस की तरह जलाये जाने के सवाल पर सरकार का जस्टिफिकेशन आता है की विपक्षी दल दंगा भड़काने की साजिश कर रहे थे इसके चलते शव को जलाया गया और इसमें ये सवाल भी खड़ा होता है की जलाया गया शव मनीषा का था भी या नहीं। पीड़ित परिवार से मीडिया को 48 घंटों तक न मिलने देना ABP न्यूज़ की पत्रकार को जबरन पुलिस को गाओं से बहार लेकर जाना।
ये सारी घटनाएं संदेहास्पद हैं और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने करने का प्रयत्न करती दिखाई दे रही हैं।