ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भारत की तारीफ की। उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के इलाज के लिए कारगर वैक्सीन को विकसित करने के भरोसेमंद उम्मीदवार के तौर पर भारत को सराहा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर इस वैक्सीन के करोड़ों डोज बनाने की तैयारी कर रही है।
ब्रिटिश पीएम ने वैक्सीन विकसित करने के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रयासों का उल्लेख करते हुए ऐलान किया कि अगर यह परीक्षण सफल रहता है तो इसकी पहुंच दुनिया के सभी देशों तक होगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने उद्बोधन में भारत की कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर ऐसी ही घोषणा की थी।
बोरिस जॉनसन ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने डिजिटल संबोधन में कहा कि ऐसे 100 संभावित वैक्सीन हैं जोकि सुरक्षा और प्रभावकारिता की बाधाओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित किया गया टीका अपने परीक्षण के तीसरे चरण में है और कंपनी एस्ट्राजेनेका पहले ही इसकी करोड़ों खुराक का उत्पादन करने में जुटी है, ऐसे में इसके सफल होने की सूरत में तेजी से टीके का वितरण किया जा सकता है।
जॉनसन ने वायरस जैसे एक आम दुश्मन से निपटने के लिए अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया और सभी से सीमा पार के देशों के साथ मनमुटाव को दूर करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के 9 महीने बाद अब पूरी दुनिया को इसके खिलाफ एकजुट होना होगा।
जॉनसन ने अपने संबोधन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन को ब्रिटेन से दिए जा रहे फंड का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे ज्यादा फंड देने वाले देशों में से एक हैं। अगले चार सालों में ब्रिटेन डब्लूएचओ को 340 मिलियन पाउंड का योगदान देगा, जो पिछले बजट से 30 फीसदी ज्यादा है।