बिहार चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की तैयारी जोरों पर है। इस दौरान LJP सुप्रीमो रामविलास पासवान अस्पताल में हैं लेकिन सियासत की चाबी उन्होंने पहले ही अपने बेटे चिराग को थमा दी। कुछ यही हाल जेल में बंद RJD सुप्रीमो लालू यादव का है जिनकी पार्टी की कुंजी उनके बेटे तेजस्वी के हाथ में है। लेकिन ये सिर्फ दो उदाहरण ही नहीं हैं। इनके अलावा भी कुछ और ऐसे पुत्र भी हैं जो पिता की सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे पिता के नक्शे कदम पर हैं। ये भी कह सकते हैं कि ये एक कदम आगे निकल चुके हैं। अर्जित ने भागलपुर में सांप्रदायिक तनाव के दौरान अपनी कट्टर छवि दिखाई। यही नहीं जब इस मामले में उन पर मुकदमा हुआ तो उन्होंने सरेंडर के लिए कोर्ट के बजाए पटना के महावीर मंदिर को चुना।
फिल्म ‘मिले न मिले हम’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अब बिहार की राजनीति का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। बिहार चुनाव के दौरान पिता रामविलास पासवान अभी अस्पताल में हैं। लेकिन चिराग ने उनकी सियासी विरासत को बखूबी संभाल रखा है। वो न सिर्फ पार्टी के अध्यक्ष बने बल्कि फिलहाल उन्होंने NDA में रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा है।