गोरखपुर के शाहपुर इलाके के बशारतपुर पूर्वी सेंट जॉन चर्च गली में शिक्षिका डेविना उर्फ निवेदिता मेजर की गोली मारकर हत्या और बेटी डेलसिया के घायल होने के मामले में पुलिस ने तीन नामजद आरोपितों समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने शिक्षिका के पति मनीष से भी पूछताछ की है। उधर, बेटी डेलसिया की तबीयत रविवार की देर रात बिगड़ गई। इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। लखनऊ के एक अस्पताल में बेटी का उपचार चल रहा है।
बशारतपुर पूर्वी निवासी डेविना के पिता की रविवार को जयंती थी। वह अपनी बेटी को लेकर कब्रिस्तान गई थीं। वहां की साफ-सफाई के बाद पास ही स्थित अपने मायके आ गईं। मायके में रुकने के बाद सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब वह स्कूटी से वापस घर जा रही थीं कि रास्ते में बाइक सवार बदमाशों ने घेरकर गोली मार दी। गोली लगने से डेविना की मौके पर ही मौत हो गई थी और बेटी डेलसिया गंभीर रूप से घायल हो गई थी। पति मनीष मेजर की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में लूट की कोशिश के लिए गोली मारे जाने का केस दर्ज किया था, लेकिन घटनास्थल पर परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस लूट के लिए वारदात की वजह पर यकीन नहीं कर पा रही है।
लूट को खारिज करने की पुलिस के पास कई वजह हैं। पहला तो यह कि कोई भी सामान लूटा नहीं गया। पर्स, पैसा, सोने की चेन और मोबाइल फोन सब सुरक्षित है। दूसरा, जिस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई, उसका मकसद लूटना नहीं हर हाल में मौत के घाट उतारना नजर आ रहा है। पुलिस का मानना है कि हमलावर सिर्फ डेविना की हत्या के इरादे से ही आए थे। वजह क्या है, पुलिस को यह गुत्थी सुलझानी है। मोटिव साफ होते ही, वारदात का सारा ताना-बाना खुल जाएगा।
पुलिस अब संपत्ति विवाद और प्रेम संबंधों के एंगल पर ही जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस ने डेविना के संपत्ति से संबंधित विवादों के दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। बताया जा रहा है कि मायके की जमीन को डेविना ने अकेले ही अपने नाम करा लिया था। इसे लेकर भाई का बहन से मनमुटाव चल रहा था। पड़ोसी ज्ञानू तिवारी से दो फीट के रास्ते का विवाद भी था। पुलिस इन सभी पहलुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। उधर, पुलिस की एक दूसरी टीम प्रेम प्रसंग के एंगल पर जांच में जुटी है। इस मामले में एक युवक का नाम सामने आया है। युवक की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है, मगर अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पति से पूछताछ में कुछ सुराग हाथ लगे हैं। इसके आधार पर भी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पुलिस की जांच में एक बात साफ हो गई है कि इस घटना में कोई ना कोई करीबी जरूर शामिल था, जिसे शिक्षिका के आने-जाने की सटीक जानकारी थी। मायके से घर के बीच की दूरी चंद कदमों की है और स्कूटी से यह सफर पूरा करने में दो तीन मिनट का ही समय लगता। पुलिस का मानना है कि कोई करीबी सटीक मुखबिरी कर मां-बेटी की पल-पल की लोकेशन हमलावरों को बता रहा था। वह करीबी कौन है, इसके बारे में पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस जांच में जुटी है।
शिक्षिका के पति मनीष मेजर ने लूट की कोशिश के लिए हत्या का केस दर्ज कराया है। तहरीर में तीन नामजद और दो अज्ञात लोगों का जिक्र है, जबकि घटना का चश्मदीद कोई नहीं है। खुद तहरीर देने वाले मनीष भी घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे, फिर उन्हें इस बात की जानकारी कैसे हो गई कि ज्ञानू तिवारी, मूली सिंह व अन्य ने ही वारदात की है और उनका मकसद लूट था। यही वजह है कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर नामजद केस दर्ज कर आरोपितों को हिरासत में तो जरूर ले लिया है, लेकिन अभी तक उन्हें आरोपी बनाकर जेल नहीं भेजा है। पुलिस का कहना है कि बिना जांच इस मामले में कुछ कह पाना जल्दबाजी होगा।
पुलिस की जांच में ज्ञानू और मूली सिंह के कई विवाद सामने आए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने कोतवाली इलाके में रहने वाले ज्ञानू के भाई को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है। इससे कई विवादों के बारे में जानकारी हुई है। ज्ञानू तिवारी ने डेविना व उनके परिजनों के खिलाफ वर्ष 2019 में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों परिवारों के बीच वर्ष 1993-94 से ही विवाद चल रहा था।
एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस की अलग-अलग टीमें मामले की छानबीन कर रही हैं। पुलिस हर पहलू पर जांच में जुटी है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।