अजय सिंह राजपूत फिल्म प्रोडूसर ( वेब सीरिज या सेक्स सीरिज )
फिल्म यूनियन क्यों कोई ठोस कदम नहीं उठा रही इस बात पर हर हफ्ते बालाजी उल्लू और उनके छोटे मोटे बैनर के साथ रिलीज हो रही कथित वेब सीरिज ने चारित्र पतन का फार्मूला निकाल लिया है 25 मिनेट की कहानी में 20 मिनट की नग्नता और 5 मिनट की औेसतन गालियां पैकेज के रूप में सुनाई जा रही है बो भी बिना रोक टोक के क्योंकि हर कोई सब्सक्राइब कर सकता है धड़ल्ले से नए एक्टर एक्ट्रेस तैयार हो रहे हैं और तैयार कर रहे हैं घृणित मानसिक की फैक्ट्री को अब ये जहर हर युवा युवती से लेकर घर घर में पहुंच रहा है केवल वयस्को के लिए बाला आइकोंन है मगर छूट सबको है और बाकी का काम you tube कर देता है तो हो गया चरित्र हनन का मसौदा तैयार इन निर्माताओं ने इतनी घटिया फिल्में बनाकर ना सिर्फ दरशक बल्कि उसके परिवार को मानसिक जहर दिया है जिसके परिणाम जल्द दिखेंगे सबाल ये भी है कि जहर मुंह में डाल कर नहीं दिया जा रहा है बस टेबल पर रखा है एक लड़का या एक चारित्र हीन स्त्री या एक चारित्र हीन लड़के की कहानी देखकर क्या धोरायएगा ये पूछने की नहीं बल्कि सोचने की बात है फिल्म आधे घंटे की है पर पूरी जिंदगी ख़राब कर सकती है पालक संचालक और निर्माता इस पर ध्यान दें और सुधर जाए ऐसी आशा है
( अजय सिंह राजपूत फिल्म प्रोडूसर )