जेपी हॉस्पिटल ट्रांस यमुना में नवजात का सौदा किया गया, यह हॉस्पिटल पांच साल से बिना पंजीकरण के चल रहा है। इसी तरह से शहर से लेकर देहात में बिना पंजीकरण के दर्जनों अस्पताल चल रहे हैं। वहीं, बडी संख्या में अवैध रुप से झोलाछाप क्लीनिक चल रहे हैं।
यमुना पार में 2015 से जेपी हॉस्पिटल बिना पंजीकरण के चल रहा था। यहां सिजेरियन डिलीवरी का 25 हजार का बिल ना जमा कर पाने पर नवजात का सौदा कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रिकॉर्ड खंगाले, अस्पताल का पंजीकरण नहीं था। इसे सील कर दिया है। इसी तरह से शहर से लेकर देहात में अवैध रुप से हॉस्पिटल और क्लीनक चल रहे हैं। इन अस्पतालों में ठेके पर डॉक्टरों से आपरेशन और प्रसव कराए जा रहे हैं। इसके बाद झोलाछाप मरीजों का इलाज करते हैं, इन अस्पतालों में क्लीनिक चला रहे झोलाछाप मरीजों को भेज रहे हैं। बडी संख्या में झोलाछाप क्लीनिक चल रहे हैं। झोलाछाप क्लीनिक और अवैध रुप से चल रहे अस्पतालों में मरीजों की मौत भी हो चुकी है। सीएमओ डॉ आरसी पांडे ने बताया कि कोरोना में डॉक्टर और कर्मचारियों की डयूटी लगी हुई है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।