HomePoliticsकांग्रेस जिलाध्‍यक्ष की 'सौदेबाजी की सियासत' की समिति आगरा आकर करेगी जांच

कांग्रेस जिलाध्‍यक्ष की ‘सौदेबाजी की सियासत’ की समिति आगरा आकर करेगी जांच

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित द्वारा बिजली कंपनी टोरंट के खिलाफ प्रदर्शन न करने को सौदेबाजी का वीडियो वायरल होने की जांच बुधवार को होगी। कांग्रेस ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है, जो बुधवार को आगरा आकर कांग्रेस नेताओं से पूरे प्रकरण की जानकारी करेगी। समिति को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपनी है।

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शनिवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित और महासचिव शाहिद अहमद के वीडियो वायरल हुए थे। इसमें टाेरंट के मध्यस्थ से जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित प्रदर्शन न करने के एवज में सौदेबाजी करती नजर आई थीं। प्रदेश अध्यक्ष तक को भरोसे में लेने की बात मनोज दीक्षित कर रही थीं वहीं, शाहिद ने वीडियो जारी कर जिलाध्यक्ष को क्लीन चिट देते हुए स्वयं के दोषी होने और राघवेंद्र मीनू द्वारा वीडियो तैयार करवाने की बात कही थी। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तक मामला पहुंचने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित और महासचिव शाहिद अहमद से इस्तीफा ले लिया था। रविवार को शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू पर एससी-एसटी एक्ट में किसी व्यक्ति को फंसवाने का आरोप लगाते हुए महिला का वीडियो वायरल हुआ था। इससे जिला व शहर कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है।

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बिजली कंपनी से सौदेबाजी के प्रकरण की जांच को प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। इसमें राष्ट्रीय सचिव पूर्व एमएलसी विवेक बंसल, पूर्व एमएलसी व नेता कांग्रेस विधानमंडल दल प्रदीप माथुर और पश्चिमी उप्र किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ. अनिल चौधरी को शामिल किया गया है। शहर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी आइडी श्रीवास्तव ने बताया कि  समिति बुधवार सुबह 10:30 बजे होटल पीएल पैलेस, संजय प्लेस में जिला व शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कांग्रेसियों, फ्रंटल संगठन, ब्लॉक व वार्ड शहर कांग्रेस कमेटी के वाट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट हुई है। प्रदेश अध्यक्ष को संबोधित पोस्ट में मनोज दीक्षित को फंसाने के षड्यंत्र में छात्र राजनीति से शुरू कर प्रदेश तक पहुंचने वाले पदाधिकारी अौर कांग्रेस से निष्कासित राघवेंद्र सिंह मीनू को जिम्मेदार ठहराया गया है। 22 जुलाई को कांग्रेस के बिजली बिल माफी को प्रदर्शन से एक दिन पूर्व बिना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुमति के टोरंट के ऑफिस पर प्रदर्शन को भी कठघरे में खड़ा किया गया है। हालांकि, राघवेंद्र सिंह मीनू इससे पहले ही इन्कार कर चुके हैं।

 

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