द्रमुक सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने एकबार फिर भाषाई विवाद के मसले को उछाला है। कनिमोझी ने आयुष सचिव पर आरोप लगाया है कि अधिकारी (Union Secretary) ने मंत्रालय के एक वेबीनार के दौरान हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वाले प्रतिभागियों को सत्र को छोड़कर जाने के लिए कहा था। द्रमुक सांसद (Kanimozhi) ने इस मामले की शिकायत करते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाईक (Shripad Naik) को एक चिट्ठी लिखी है। कनिमोझी ने अपनी शिकायत में मामले की जांच कराए जाने की भी मांग की है।
इससे पहले भी द्रमुक सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने कथित भाषाई भेदभाव का मामला उछाला था। कनिमोझी ने आरोप लगाए थे कि हवाई अड्डे पर जब उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की एक अधिकारी से तमिल या अंग्रेजी में बोलने को कहा था तब वह पूछ बैठी कि क्या आप भारतीय हैं। क्या आपको हिंदी नहीं आती है… इस कथित वाकए को उछालते हुए कनिमोई ने ट्वीट कर पूछा था कि मैं जानना चाहूंगी कि कब से भारतीय होना हिंदी जानने के बराबर हो गया है यानी भारतीय होने के लिए हिंदी जानना जरूरी है…