दरअसल, विधानसभा में एनकाउंटर पर उठने वाले सवालों का जवाब सरकार ने तैयार किया है. साढ़े तीन साल के कार्यकाल में 124 अपराधी अलग-अलग एनकाउंटर में ढेर हुए. मारे गए अपराधियों में 45 अल्पसंख्यक, 11 ब्राह्मण और 8 यादव शामिल हैं. अन्य 58 अपराधियों में ठाकुर, वैश्य, पिछड़े और एससी-एसटी के हैं. 31 मार्च 2017 से 9 अगस्त 2020 तक यूपी में 124 अपराधी मारे गए. पिछले 8 महीनों में 8 ब्राम्हण अपराधी ढेर हुए. इनमें से 6 अपराधी कानपुर के बिकरू कांड में शामिल विकास दुबे और उसके गुर्गे थे. सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ में हुए. मेरठ में 14 अपराधी मारे गए, मुजफ्फरनगर में 11 ,सहारनपुर में 9,आजमगढ़ में 7 और शामली में 5 अपराधी मारे गए.