बिहार में बीते दो दिनों से रूक-रूककर हो रही बारिश से राजधानी पटना समेत कोसी, सीमांचल और उत्तर बिहार में स्थिति भयावह होती जा रही है। एक तरफ लोगों के घरों के अंदर तक बारिश का पानी भर गया है तो वहीं दूसरी तरफ शहरों के निचले इलाकों में बारिश के साथ नदी का पानी भी फैल रहा है।
कोसी के सुपौल जिले में मूसलाधार बारिश से सोमवार की सुबह घरों के आगे जलजमाव दिखने से लोग डर गए कि कहीं फिर से शहर डूब नहीं जाए।
इधर, पांच घंटे की तेज बारिश से शहर की हालत फिर बिगड़ गई। कई मोहल्ले और सड़कें फिर से जलमग्न हो गई हैं। नाला और सड़क में फर्क मिट गया है। निचले इलाके में तेजी से पानी फैल रहा है और लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने लगा है।
नेशनल हाइवे 106 तालाब में तब्दील हो गया है। सबसे खराब स्थिति शहर के वार्ड 26 में आदर्श नगर, झखराही मोहल्ले का है। यहां कुछ इलाका टापू बन गया है। इसके अलावा बलवा पुनर्वास, कलेक्ट्रेट परिसर, पुलिस लाइन परिसर, गोरवगढ़, विद्यापुरी, धोबी टोला, नयानगर, निराला नगर, चकला निर्मली सहित अन्य मोहल्लों में बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। शहर के मुख्य नाला से लेकर गली मोहल्ले के नाला का गंदा पानी सड़क पर बहने लगा है। शहरवासियों का कहना है कि जल निकासी के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं होने और बेतरतीब नालों के कारण हर साल शहर की आधी से अधिक आबादी जलजमाव की समस्या झेलने को मजबूर हैं।
मुजफ्फरपुर में पूर्व मंत्री के घर में पानी घुसा
मुजफ्फरपुर में देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण नेशनल हाइवे 28 से सटा इलाका पूरा जलमग्न हो गया है। यहां स्थित बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अजित कुमार के घर में भी पानी घुस गया है। पूर्व मंत्री अजित कुमार के अनुसार स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर के सबसे पॉश इलाके का यह हाल है। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि 10 साल से नालों की सफाई ही नहीं हुई, नगर विकास मंत्री स्थानीय विधायक हैं बावजूद ये हाल है।
उधर उत्तर बिहार के मधुबनी में आसमानी आफत से विस्थापितों की मुश्किलें बढ़ गई है। एक तो घरों में ऊपर से रास्ता अब भी अवरुद्ध है। चारों ओर फैला बाढ़ का पानी को पार करना संभव नहीं है। परेशानी विकराल रूप धारण किये हुए है। रविवार को मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बररी, फुलवरिया, नवगाछी एवं घनुषी गांवों के दर्जनों परिवार अब भी चारों ओर पानी से घिरे हैं। पीने का पानी, खाना बनाने के लिए साधन व शौच से निपटने की समस्याएं विकराल बनी हुई है। लगभग दस परिवार विस्थापति हो माधोपुर सड़क पर शरण लिये हुए हैं। वहीं नवगाछी के लगभग पच्चास परिवार स्थानीय स्कूल में शरण लिये हुए हैं।