आगरा के जीवनी मंडी में खाटू श्याम मंदिर के पास जोंस मिल कंपाउंडर चार में रविवार की शाम शक्तिशाली धमाका हुआ। आस-पास के लोगों के कान सुन्न पड़ गए। सूचना पर पुलिस, फायर ब्रिगेड और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा। धमाका सोढ़ी ट्रांसपोर्ट के गोदाम के पीछे हुआ था। बेशकीमती जमीन पर विवाद चल रहा है। पुलिस मान रही है कि सोढ़ी ट्रांसपोर्ट का गोदाम उड़ाने के लिए धमाका किया गया था। बम दो युवकों ने लगाया है। एक सीसीटीवी कैमरे में दो युवक कैद हुए हैं। बम किसने बनाया। किस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है।
घटना शाम करीब छह बजे की है। अंग्रेजों की समय के जोंस मिल कंपाउंड की जमीन बेशकीमती है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के अनुसार रज्जो जैन इस जमीन पर अपना दावा करते हैं। जोंस मिल कंपाउंड में कई ट्रांसपोर्ट और कारोबारियों के गोदाम हैं। इनमें से एक गोदाम सोढ़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी का भी है। इसके मालिक कुलदीप सिंह सोढ़ी हैं। वर्ष 1971 से वह लगभग 1700 वर्गगज में बने गोदाम में काबिज हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि रज्जो जैन ने उनसे संपर्क किया था। कहा कि जमीन बेच दी है। वह गोदाम खाली कर दें। उनके बीच बातचीत भी हो गई थी। शाम को एक मजदूर का फोन आया। बताया कि गोदाम के पीछे जोर का धमाका हुआ है। धुआं उठ रहा है।
एसपी सिटी ने बताया कि गोदाम के पीछे भी एक गोदाम बना हुआ था। बम का धमाका उसमें हुआ। उसकी छत लगभग 25 प्रतिशत ढह गई। एक दीवार भी ढह गई। इमारत अंग्रेजों के समय की है। पुलिस ने घटना के बाद रज्जो जैन को फोन किया। सोढ़ी ट्रांसपेार्ट के मालिक मौके पर आ गए थे। रज्जो जैन को थाने पहुंचने को कहा गया है। पुलिस जांच में जुटी है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि मौके पर विस्फोटक किसने और क्यों रखा।
सीसीटीवी में दो संदिग्ध युवक कैद हुए
जहां धमाका हुआ, उसके सामने एक गोदाम में तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सोढ़ी ट्रांसपोर्ट के गोदाम में भी एक सीसीटीवी लगा है। बाहर सड़क पर खाटू श्याम मंदिर में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस सभी की रिकार्डिंग चेक कर रही है। सूत्रों की मानें तो एक सीसीटीवी कैमरे में दो संदिग्ध युवक कैद हुए हैं। वे पैदल चेहरा छिपाते हुए जा रहे थे। उन्हें पता था कि यहां कैमरा लगा है। बाद में उन युवकों को बाहर पर जाते देखा गया है। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज देखी जा रही है। अभी तक कुछ भी ठोस नहीं मिला है। कैमरे में कई लोग कैद हुए हैं। कौन हो सकता है यह जांच जरूरी है।
पुलिस लिखाएगी मुकदमा
एसपी सिटी ने बताया कि धमाका हुआ है। इसलिए पुलिस अपनी तरफ से मुकदमा लिखा रही है। मुकदमा अज्ञात के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की धारा 436 के तहत लिखाया जा रहा है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी।
शक्तिशाली था बम, कई गोदामों के शीशे चकनाचूर हो गए
जिस बम से धमाका किया गया, वह मामूली नहीं था। ऐसा धमाका जिलेटिन की छड़ों से पहाड़ तोड़ने के लिए किया जाता है। रविवार की शाम जोंस मिल कंपाउंड चार में हुआ धमाका मामूली नहीं था। उसकी आवाज दूर-दूर तक सुनी गई थी। जिस जगह धमाका हुआ उससे 100 मीटर दूर स्थित दूसरे गोदामों के शटर उखड़ गए। उनके शीशे चकनाचूर हो गए। आस-पास के लोगों को ऐसा लगा कि जैसे धरती हिल गई है। पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। छानबीन जारी है। जिलेटिन की छड़ों से धमाका किया जाए तो मौके पर अवशेष मिलने की आशंका न के बराबर ही रहती है।
प्रारंभिक छानबीन के बाद इतना तो साफ हो गया है कि यह धमाका कोई हादसा नहीं था। एक साजिश के तहत धमाका किया गया था। मकसद सोढ़ी ट्रांसपोर्ट और पीछे बने गोदाम को जमींदोज करना था। ऐसा करने से किसे लाभ होगा। यह सवाल उठने के बाद पुलिस ने रज्जो जैन को थाने बुलाया था। हालांकि उनका पक्ष अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है।
कृष्णा कालोनी निवासी अशोक, अंकुर, योगेश आदि ने बताया कि धमाका दूर-दूर तक सुनाई पड़ा। लॉकडाउन की वजह से जोंस मिल में स्थित ज्यादातर गोदाम बंद थे। खाटू श्याम मंदिर पर भी भक्त नहीं थे। जीवनी मंडी मार्ग पर ट्रैफिक नहीं चल रहा था। वाहनों का शोर नहीं था। इस कारण भी धमाका दूर-दूर तक सुनाई पड़ा। बम बहुत शक्तिशाली था। भारत सेल्स कारपोरेशन के गोदाम के शीशे टूट गए थे। टिंबर एंड प्लाईबोर्ड मर्चेंट के गोदाम का शटर उखड़ गया था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाके के समय वह जोंस मिल कंपाउंड में ही मौजूद था। उसने देखा कि जहां धमाका हुआ तो उसके आस-पास हवा में 50 मीटर तक उसने ईंटों के टुकड़ों को उछलते हुआ देखा। वह घबरा गया। पुलिस बार-बार पूछताछ करेगी, इसलिए अपना नाम नहीं बताना चाहता। मजदूर है।
मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम
बम धमाका हुआ था। भले ही मकसद कुछ और था। धमाका ताजनगरी में हुआ। इसलिए पुलिस इसे हल्के से नहीं ले सकती। जांच के लिए मौके पर फोरेंसिक टीम को बुला लिया गया था। ताकि यह पता लगा लिया जाए कि धमाका आखिर कैसे किया गया। किस विस्फोटक का प्रयोग किया गया।
आखिर क्या होता है जिलेटिन
जिलेटिन एक विस्फोटक है। ये नाइट्रोसेल्यूलोज या गन कॉटन है। जिसे नाइट्रोग्लिसरीन या नाइट्रोग्लायकोल में तोड़कर इसमें लकड़ी की लुगदी या शोरा मिलाया जाता है। यह धीरे-धीरे जलता है। बिना डेटोनेटर्स के विस्फोट नहीं कर सकता।
कहां होता है इस्तेमाल
जिलेटिन से बनी छड़ों का उपयोग गिट्टी क्रशर पर चट्टानों को तोड़ने के लिए किया जाता है। पहाड़ों को तोड़ने के लिए भी विस्फोटक के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए विस्फोटक विशेषज्ञ जिलेटिन का प्रयोग करते है। हालांकि, इस दौरान काफी सावधानी रखी जाती है।
क्या होता है डेटोनेटर
डेटोनेटर की मदद से बम को सक्रिय किया जाता है। सामान्य भाषा में इसे बम का ट्रिगर भी कह सकते हैं। इसका इस्तेमाल गड्ढा खोदकर छुपाए गए बमों आईईडी (इम्प्रोवाइज एक्सप्लोजिव डिवाइसेस) में किया जाता है। डेटोनेटर से बम की विस्फोटक क्षमता बढ़ जाती है। नक्सली आमतौर पर ऐसे ही बमों का उपयोग करते हैं।