राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच समझौते के सारे रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं। गहलोत ने पायलट और उनके समर्थकों पर व्यक्तिगत हमले कर उनके पार्टी में रहने के रास्ते बंद करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। सीएम अशोक गहलोत खुद नहीं चाहते हैं कि पायलट अब कांग्रेस में रहें। गहलोत चाहते हैं कि पायलट और उनके समर्थकों की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाए, वहीं दूसरी तरफ पायलट अब तक कांग्रेस नहीं छोड़ने की बात कह रहे हैं।इस बीच सबसे ज्यादा मुश्किलें सचिन पायलट के सामने हैं। वह कांग्रेस को छोड़ना नहीं चाहते हैं लेकिन अब उनकी घर वापसी के लगभग सारे रास्ते बंद नजर आ रहे हैं।
पायलट के कांग्रेस नहीं छोड़ने के कई कारण है, उनमें सबसे पहला है कि अगर वे कांग्रेस छोड़ते हैं तो उनकी विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी। पायलट खेमे के 19 में से आधे विधायक ऐसे हैं जो चुनाव नहीं लड़ना चाहते, इनमें से भी 4 विधायक ऐसे हैं जो अपना मौजूदा कार्यकाल अंतिम मानकर अगला चुनाव बेटों को लड़ाना चाहते हैं।