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यूपी : साइंस की ऑनलाइन क्लास में चला दी ब्लू फिल्म, जांच शुरू

कोरोना कॉल में स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गई हैं। यूपी के आगरा के एक स्कूल के कक्षा नौ की ऑनलाइन साइंस क्लास में किसी ने ब्ल्यू फिल्म चला दी। शिकायत साइबर सेल पहुंची तो जांच शुरू हुई। छानबीन में पता चला कि ऑनलाइन स्टडी ग्रुप में साइबर अपराधी सेंध लगा रहे हैं। अभी तक आर्थिक अपराध अंजाम देने वाले साइबर अपराधी अब बच्चों के ग्रुप में भी सक्रिय हो गए हैं।

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साइबर अपराध के नए ट्रेंड से हैरान पुलिस ने स्कूल के ग्रुप में ब्ल्यू फिल्म चलने की जांच की। चेक करने पर नंबर एक छात्रा का निकला। वह तब से सफाई दे रही है कि कोई और था। ऐसे में ऑन लाइन कक्षाओं में होने वाली शरारतें स्कूल के क्लासरूम में होने वाली शरारतों से बहुत ज्यादा घातक साबित हो रही हैं। जिनके नाम से शरारत की जा रही है वे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे मामले लगातार साइबर सेल में पहुंच रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने बताया कि उनके पास प्रतिदिन कोई न कोई शिकायत आ रही है। वे लगातार स्कूलों के शिक्षक-शिक्षकाओं को ऑन लाइन पढ़ाई के लिए यूज किए जाने वाले एप के सिक्योरिटी फीचर बता रहे हैं।

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शैलेष सिंह, प्रभारी, रेंज साइबर सेल, यूपीपी, आगरा  कहते हैं कि  साइबर सेल में इस तरह की शिकायतें मिलने पर जांच की जा रही है। कई बार चौंकाने वाली जानकारियां मिलती हैं। अपने परिवार के लोगों, खासकर बच्चों को साइबर अपराध से बचने के बारे में बताएं। किसी को भी अपने किसी बैंक, सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल अन्य किसी अकाउंट की जानकारी शेयर न करें।

साइबर शातिर ने भेजे लिंक 
न्यू आगरा के एक कारोबारी का मोबाइल खो गया था। उनकी बेटी कक्षा छह में में पढ़ती है। मोबाइल में बेटी की क्लास का व्हाट्स ग्रुप बना था। फोन किसी अपराधी को मिल गया। उसने स्कूल ग्रुप से सभी बच्चों के नंबर और नाम निकाल लिए। सबसे पहले एडमिन को मैसेज किया। फर्जी नाम बताकर स्कूल ग्रुप में एड करने को कहा। उसके बाद स्कूल के बच्चों को दूसरे नामों से मैसेज करना शुरू कर दिया। शातिर ने कुछ बच्चों को लिंक भी भेजे। संयोग से बच्चों ने उन लिंक को ओपन नहीं किया। ओपन कर लेते तो पिता के मोबाइल का पूरा डाटा हैक हो जाता। पुलिस आरोपी का पता लगा है।

बच्चे भी कर रहे शरारत 
पुलिस के लिए बड़ी परेशानी तब पैदा होती है जब पता लगता है कि बच्चे भी फर्जी आईडी से इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। वे दूसरे बच्चों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोई टीचर के लिए गालियां लिख देता है तो किसी लड़की के बारे में अश्लील कमेंट। इतना ही नहीं लैपटॉप का माइक और कैमरा ऑन करके सामने से खुद हट जाते हैं। सामने अश्लील फिल्म चल रही होती है। कोई माइक ऑन करके ऑन लाइन क्लास में अश्लील गाना चला देता है। कई नामी स्कूलों से इस तरह की शिकायतें पुलिस को मिली हैं।

ये बरतें सावधानियां 
– साइबर अपराधियों से बचने के लिए संदिग्ध वेब पेज, ईमेल को कतई न खोलें, न उत्तर दें।

– अपने ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट और बैंक खातों के लिए मुश्किल पासवर्ड लगाएं।

– बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई करे तो नजर रखें। देखें वे सिर्फ पढ़ाई करे, दूसरे नाम से मैसेज नहीं।

– ऑनलाइन क्लास लेने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को सिक्योरिटी फीचर की जानकारी हो।

-गूगल मीट पर ऑनलाइन क्लास पढ़ाते समय कैमरा और चेट का ऑप्शन बंद रखा जाए।

– व्हाट्स ग्रुप के एडमिन बिना पुष्टि करे किसी को भी स्कूल के ग्रुप में हरगिज एड नहीं करें।

– किसी दूसरे नंबर से बच्चे का दोस्त बनकर कोई मैसेज आए तो उसे कोई जानकारी नहीं दें।

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-बच्चों को बताएं, कोई मोबाइल पर मेल आईडी पर कोई लिंक भेजे तो उसे ओपन नहीं करें।

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