लगातार फीस माफी की मांग पर भी शासन-प्रशासन व स्कूल, कोई राहत देने को तैयार नहीं, ऐसे में अभिभावकों ने सड़क पर उतर कर चौराहा- चौराहा जुटकर भीख मांगीं। हाथों में पोस्टर और कटोरा लेकर उन्होंने पैसे जुटाए, जिसे वह स्कूलों को देंगे। उनका कहना था कि शायद ऐसे ही स्कूलों को उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति समझ में आएगी।
प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) के आह्वान पर अभिभावक एमजी रोड स्थित प्रमुख चौराहों, सूरसदन, हरीपर्वत, सेंट जोंस कॉलेज और राजामंडी पर जुटे। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए राहगीरों से भीख मांगी। इस दौरान उन्होंने हाथों में फीस माफी की मांग और भीख मांगकर फीस के जुटाने के संदेश वाले बैनर भी थामें थे।
अभिभावकों का आरोप है कि कुछ स्कूलों को प्रशासन के ढीले रवैये बल मिल रहा है। फीस के लिये दबाव बना रहे हैं। न मिलने पर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित कर, उनका नाम काटने की शुरूआत कर दी है। ऑनलाइन टीचिंग के लिए बने वॉट्सएप ग्रुप से भी हटाया जा रहा है। इसकी शिकायत ट्विटर के माध्यम से साक्ष्य सहित अधिकारियों से की, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसलिए अब वह कलक्ट्रेट पर भी प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
पापा संस्था सदस्यों का कहना था कि स्कूलों की मनमानी के विरोध में अभिभावक लगातार शिकायत कर रहे हैं। राहत न मिलने पर सड़क पर उतर आंदोलन करना पड़ रहा है। प्रथम चरण में संस्था के साथ मिलकर अभिभावकों ने एम ज़ी रोड के प्रमुख चौराहों स्कूलों के लिये भीख मांगी। एक अभिभावक ने बताया कि शहर के एक जाने-माने स्कूल ने अपनी किताब बदलवा दी, जिस कारण अभिभावक उसे दोबारा लेने को परेशान हैं। एक अभिभावक ने रोते हुए कहा कि इस मुशिक्ल हालात में शायद उन्हें अपनी किडनी बेचकर फीस चुकानी पड़ेगी। संस्था सदस्यों ने बताया कि भीख में मिली राशि डीएम को स्कूूलों तक पहुंचाने के लिए सौंपी जाएगी।