टिड्डी दल का संकट आगरा पर रोज मंडरा रहा है। शनिवार रातभर टिड्डी दल ने खेरागढ़ क्षेत्र में डेरा डाले रखा। किसान रातभर उन्हें भगाने के प्रयास में थाली, ढोल बजाते रहे लेकिन नाकाम ही रहे। रविवार सुबह टिड्डी दल यहां से हरियाली और खरीफ की फसल को तहस नहस कर के उड़ा है। शनिवार को आधे दिन तो राहत रही लेकिन दोपहर में किसी दल से छिटक कर दो से ढाई हजार टिड्डी धौलपुर की ओर से आगरा आ गया। ये पुरा भदौरिया होता हुआ मप्र की सीमा में एक घंटे में ही प्रवेश कर गया। दोपहर बाद एक बड़ा दल भरतपुर की ओर से बसई जगनेर में प्रवेश कर गया। दल के पहुंचे ही किसान, कृषि विभाग की टीम ध्वनि करने में जुट गई। कुछ देर में ही दल धौलपुर की सीमा में प्रवेश कर गया। देरशाम खेरागढ़ क्षेत्र में एक दल घुस आया, जिसे भगाने के प्रयास में किसान, विभागीय टीम जुटी है, लेकिन उसने डेरा जमा लिया।
टिड्डी दल आफत बनकर रोज आगरा में प्रवेश कर जाते हैं। शनिवार को आए तीन दलों में से पहले छोटे दल को भगाने में ज्यादा मुश्किल नहीं हुई। दोपहर बाद बसई जगनेर में आए दल ने ग्रामीणों, सहित विभागी टीम को सकते में डाल दिया। थाली हार्न, हूटर बजाकर इसके भगाने के प्रयास में सभी जुटे रहे, एक घंटे के बाद दल ने धौलपुर की ओर उड़ान भरी। कृषि विभाग की टीम ने अभी राहत ही ली थी, कि देरशाम को एक दल खेरागढ़ क्षेत्र में घुस आया। दल ने अटाभोपुर, कोलुआ, रैना नगर, नगला कमाल, नगला निशोरे, तुस्सी की गड़ी क्षेत्र के पेड़ों और फसलों पर कब्जा जमा लिया। ग्रामीण शोर मचाकर खेतों से दल को उड़ाने में जुटे रहे। पेड़ों से मोटी टहनियां टूटकर नीचे गिरने लगी तो पत्तियों को दल चट कर रहा था। कृषि विभाग ने भी फायर बिग्रेड, ट्रैक्टर मंगा लिए, जिनसे पूरी रात टिड़डियों पर स्प्रे कराने की योजना है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि एक छोटा झुंड और एक दल तो भगा दिया गया, लेकिन खेरागढ़ क्षेत्र के कुछ गांव में एक दल ने डेरा जमा लिया है। उसे रातभर में मार गिराया जाएगा।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि टिड्डी दल 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलते हुए एक दिन में 100 से 150 किमी का सफर तय कर सकता है। ये जहां बैठता है पूरी फसल चट कर जाता है। ये अपने वजन से अधिक खाता है और हरी पत्ती, फूल, बीज सभी को नष्ट करती है। किसान भी खेतों में क्लोरोपाइरीफांस 20 फीसद या मैलाथियान 96 फीसद कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। हमला होने पर किसान थाली, घंटे नगाड़े बजाकर, पटाखे चलाकर भी इन्हें भगा सकते है।