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डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के नाम पर 2.82 करोड़ रुपये का घोटाला

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के नाम पर 2.82 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। कूड़ा उठाने वाली फर्मों ने फर्जीवाड़ा करके रकम का गबन कर लिया। आरोप है कि चारों फर्म ने लोगों से रकम वसूली करने के बाद उसे नगर निगम के कोष में जमा नहीं कराया। निगम द्वारा इसका पता चलने पर कमेटी बनाकर इसकी जांच कराने पर धोखाधड़ी सामने आने के बाद उन्हें नोटिस देकर रकम जमा कराने की कहा। रकम जमा नहीं कराने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने हरीपर्वत थाने में चारों फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करना था। नगर निगम ने इसके लिए झांसी की तीन फर्मों मैसर्स अरवा एसोसिएट, मैसर्स सोसाइटी फार एजुकेशन एंड वेलफेयर, ओम मोटर्स और ग्वालियर की एक फर्म मैसर्स एस.आर.एम.टी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध किया था। मई और जून 2019 में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किए गए हाउस होल्ड की संख्या के सापेक्ष इन चारों फर्म ने लोगों से धनराशि वसूल की। मगर,नगर निगम के कोष में पूरी धनराशि जमा नहीं कराई। फर्म द्वारा भुगतान में घोटाला करने की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गयी। उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करके घोटाले की जांच कराई। कमेटी ने जांच में पाया कि चारों फर्म द्वारा 2.82 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान नगर निगम के कोष में नही कराया गया। इस पर नगर निगम ने इन फर्म को एक सप्ताह का नोटिस दिया। भुगतान की रकम नगर निगम के कोष में जमा कराने की कहा गया। मगर,निर्धारित समय बीतने के बाद भी इन फर्म ने कोई रकम जमा नहीं कराई। इंस्पेक्टर हरीपर्वत अजय कुमार काैशल ने बताया कि नगर निगम के पर्यावतरण अभियंता राजीव कुमार राठी ने चारों फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।विवेचना की जा रही है।

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