आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में वांछित रहे, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा और शुक्रवार की सुबह मोस्टवांटेड विकास दुबे का एनकाउंटर की सूचना बिकरू गांव पहुंचते ही सन्नाटा छा गया है। गांव में की गलियों में मरघट जैसा सूनापन छाने के साथ ग्रामीणों ने चुप्पी साध ली। वहीं प्रभात की दादी ने कहा है कि पुलिस ने बहुत गलत किया है, अब सब गांव वालों को ही मार दे।
बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों के हत्यारोपित दुर्दांत विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद सुबह कानपुर में एनकाउंटर की खबर ने गांव में आठ दिन से चल रही सनसनी को मरघट जैसे सन्नाटे में बदल दिया है। ग्रामीणों को कुरेदरने का प्रयास किया तो सभी ने चुप्पी साध ली। एक-दो लोगों ने हमसे कुछ न पूछौ, पुलिस से पूछौ। इस बीच आगे आईं एक दिन पहले मुठभेड़ में मारे गए प्रभात मिश्रा की दादी रामकली ने कहा कि पुलिस बहुत गलत कर रही है। जब विकास ने समर्पण कर दिया था तो उसे क्यों मार डाला। अब पुलिस पूरे गांव के लोगों को ही मार दे। विकास के एनकाउंटर को लेकर सवाल पूछने पर उनमें आक्रोश नजर आया। गांव वालों ने कहा, हम का बताई, जो पूछे का हो तो पुलिस ते पूछौ। इटावा में पुलिस की मुठभेड़ में मारे गए प्रवीण उर्फ बऊआ दुबे के पिता ओम प्रकाश ने कहा कि जरा सी नासमझी से हुई घटना के बाद बिकरू गांव बर्बाद हो गया। उनके बेटे को भी पुलिस ने मार दिया, अब अब बुढ़ापे के दिन कैसे कटेंगे।