पूरी दुनिया में फैले जानलेवा कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत ने विदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए 5 मई 2020 को ऑपरेशन समुद्र सेतु की शुरुआत की थी। 55 दिनों तक चले इस अभियान का अब समापन हो चुका है। इस ऑपरेशन के दौरान 3992 नागरिकों को स्वदेश लाया गया। प्रेस इंफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) के मुताबिक इसमें भारतीय नौसेना के जहाज जलाश्व (लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक), ऐरावत, शार्दुल तथा मगर (लैंडिंग शिप टैंक्स) ने हिस्सा लिया था, जिन्होंने इस दौरान 23 हजार किमी से अधिक की दूरी तय कर अभियान को सफलतापूर्वक समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना 2006 में ऑपरेशन सुकून (बेरूत) और 2015 में आपरेशन राहत (यमन) के तहत पूर्व में भी इसी तरह के निकासी अभियान चला चुकी है।बेहद मुश्किल दौर में भारतीय नौसेना ने इस चुनौती को अपने हाथ में लिया था। इस दौरान नौसेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस अभियान के दौरान जहाज पर किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से रोकना भी थी। इसके लिए कड़े नियम और योजना तैयार की गई और जहाजों के परिचालन माहौल के लिए चिकित्सा/सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना के सर्वश्रेष्ठ और ऐसे जहाजों का चयन किया गया जो इस अभियान के अनुकूल थे।संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इनमें सामाजिक दूरी के मानकों के पालन के साथ ही जरूरी चिकित्सा व्यवस्थाएं भी की गईं। इस ऑपरेशन के लिए इन जहाजों में विशेष प्रावधान किए गए। इनमें कोविड-19 से संबंधित उपकरणों तथा सुविधाओं के साथ जहाज पर उपचार की अलग व्यवस्था (सिक बे) या क्लीनिक तैयार किए गए। महिला यात्रियों के लिए महिला अधिकारियों और सैन्य नर्सिंग स्टाफ की भी तैनाती की गई। सभी यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।