कानपुर कांड के बाद जैसे अब विकास दुबे की तलाश चल रही है। वैसे ही अब जिले में भी शातिर इनामी अपराधियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एत्माद्दौला थाने का 50 हजार रुपये का इनामी करतार पुलिस के लिए चार साल से सिरदर्द बना हुआ है।उस पर किशोरी को अगवा करके दुष्कर्म करने का आरोप है। स्थानीय अदालत से साढे़ तीन साल की सजा काटने के बाद रिहा हो गया था। अभियोजन की अपील पर हाईकोर्ट ने जब दुष्कर्म के आरोप पर संज्ञान लिया, तब तक वह फरार हो गया।
एत्माद्दौला के नरायच में रहने वाले करतार सिंह ने फरवरी 2013 में 14 वर्षीय किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म किया था। स्वजनों ने करतार के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिन बाद बरामद हुई पीड़िता के कोर्ट में दिए बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी। करतार सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। आरोपित के जेल में बंद होने के दौरान ही मुकदमे का ट्रायल हुआ।
अदालत ने 23 अप्रैल 2016 को करतार को किशोरी को अगवा करने का दोष सिद्ध पाते हुए साढ़े तीन साल की सजा सुना दी, जबकि दुष्कर्म के मामले का संज्ञान ही नहीं लिया। एक सितंबर 2016 को सजा पूरी होने पर वह जेल से रिहा हो गया। इसके बाद अभियोजन अधिकारी की ओर से दुष्कर्म के मामले में सजा के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेते हुए एक दिसंबर 2016 को आरोपी करतार सिंह को कोर्ट में पेश करने के आदेश पुलिस को दिए। तब तक आरोपित अपना पुराना मकान छोड़कर भाग चुका था। तलाश में जुटी पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। हाईकोर्ट के सामने तत्कालीन एसएसपी दिनेश चंद दुबे को पेश होना पड़ा था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की मुहिम चलाई, लेकिन शातिर हाथ नहीं आया। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला उदयवीर सिंह मलिक ने बताया आरोपित का सुराग लगा उसे तलाशने का प्रयास किया जा रहा है।