वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने लगभग 30,000 जवानों को लद्दाख में तैनात किया गया है। पिछले महीने दोनों दशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती की है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सामान्य तौर पर छह ब्रिगेड, यानी दो डिवीजनों को लद्दाख में एलएसी पर रखा जाता है। यहां पर सैनिकों को रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाता है।
15 जून की हिंसक झड़प के बाद सेना ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड को तैनात किया है। हर ब्रिगेड में लगभग 3,000 सैनिक और सहायक होते हैं। चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में एक कमांडर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 70 से अधिक सैनिक घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से तीन अतिरिक्त ब्रिगेड के लगभग 10,000 सैनिकों को लाया गया है। एलएसी पर अभी 14 कोर कमांड के तहत सेना की 3 डिविजन मौजूद है। यह भारत में सेना की सबसे बड़ी कोर है, जिसे 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान स्थापित किया गया था।सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 2017 के सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले कुछ पैरा स्पेशल फोर्स को भी लद्दाख भेजा गया है। भारतीय पैराट्रूपर्स अर्धसैनिक बलों एक दर्जन से अधिक विशेष बल रेजिमेंट से आते हैं, जो अत्यंत कठिन इलाकों में उच्च जोखिम वाले अभियानों में प्रशिक्षित होते हैं। इसी तरह, लद्दाख स्काउट्स की पांच बटालियन और सेना की एक पैदल रेजिमेंट को पहाड़ी युद्ध में समर्थन के लिए तैयार रखा गया है।