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आगरा के इस मंदिर की अनूठी परंपरा, गुरु को समर्पित कर दिए जाते हैं यहां बच्‍चे

सोमनाथ धाम, शाहगंज एक एसी गद्दी है, जहां मनौती पूरी होने के बाद श्रद्धालु अपने बच्चों को समर्पित कर देते हैं। एसे चार बच्चे यहां गुरु बनने की राह पर हैं।

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नाथ संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है सोमनाथ धाम, जिसके अधिष्ठाता डा.शंकरनाथ योगी हैं। इस धाम धार्मिक आयोजन, हवन आदि अनुष्ठान निरंतर किए जाते हैं। मानव सेवा भी यहां से की जाती है। ये संत ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सेवा कार्य करते हैं। बहुत से लोग यहां मनौती मांगने आते हैं। पूरी होने के बाद वे कुछ न कुछ अर्पण करते हैं। जिनकी मनौती पूरी हो जाए और उनके पर तीन, चार बच्चे होते हैं तो उनमें से एक बच्चे को धार्मिक कार्य के लिए समर्पित कर देते हैं। ताकि नाथ संप्रदाय की परंपरा बनी रहे।
यहां इन दिनों चार बाल संतों को नाथ परंपरा से जोड़ा जा रहा है। ये बाल संत मनीषनाथ (जयपुर), विश्वनाथ (आगरा), रुद्रनाथ (आगरा), जहाजनाथ (अहमदाबाद) हैं। जिन्हें इनके परिजन तीन-चार महीने की आयु में ही मंदिर में सौंप गए थे। शुरुआत में बच्चों का पालन भक्तों से कराया गया, क्योंकि शिशुओं की देखभाल मंदिर में नहीं हो सकती। पांच साल की उम्र के बाद इन्हें सोमनाथ धाम लाया गया। जहां उनकी विद्यालयी शिक्षा साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा दी गई। जहाजनाथ और रुद्रनाथ को हरिद्वार के गुरुकुल में भी संस्कृत और धार्मिक शिक्षा दिलाई जा चुकी है। अब इन्हें नाथ संप्रदाय की पूजा पद्धति, योग-आसन आदि का प्रशिक्षण डा. शंकरनाथ योगी द्वारा दिया जा रहा है।
24 वर्षीय जहाजनाथ आध्यात्मिक शिक्षा के साथ-साथ अब बीएएमएस की शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं । वहीं 23 वर्षीय रुद्रनाथ की रुचि ज्योतिष में भी है। 15 साल के विश्वनाथ गायत्री पब्लिक स्कूल में कक्षा नौ के छात्र हैं। मनीष नाथ (11 साल), ब्राइट लैंड में कक्षा तीन में पढ़ रहे हैं। इन सभी को सुबह ध्यान, योग कराया जाता है। प्रतिदिन हवन करना होता है। दवा आदि का वितरण व ज्योतिष के आधार पर लोगों के संकटों का निवारण भी ये सभी मिल कर करते हैं।

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