चीन ने सोमवार को बताया कि भारत के साथ सीमा पर कुल मिलाकर हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं। साथ ही चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देश वार्ता के लिए तैयार हैं। यह बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने दी। दोनों देशों की सेना सीमा (Line of Actual Control,LAC) पर आमने सामने तैनात है। झाओ ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को ही सीमा पर चीन लागू करता रहा है। हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा के साथ-साथ सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सीमा विवाद के मसले पर देश अपनी संप्रभुता को नुकसान नहीं होने देगा। लद्दाख में भारत और चीन के हजारों सैनिक आमने-सामने हैं। दोनों देश सीमा पर टैंक, तोप समेत तमाम हथियार एकत्रित करने में जुटे हैं। दुनिया भर के विशेषज्ञों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को चेतावनी दी है कि वे महामारी को लेकर हो रही किरकिरी से बचाव के लिए राष्ट्रवाद और संप्रुभता में व्यवधान न डालें। साथ ही यह भी कहा कि भारत के साथ तनाव बढ़ाने से उल्टा चीन को ही नुकसान का सामना करना पड़ेगा। वर्ष 2017 में भारत और चीन की सेना डोकलाम में 73 दिनों तक तैनात रही। भारत चीन सीमा विवाद 3,488 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है।