अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार शाम एक ऐतिहासिक चर्च की ओर चल पड़े, जो नस्लवाद के विरोध के बाद अशांति के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था। व्हाइट हाउस के एक पते के अंत में, जिसमें उन्होंने बर्बरता की निंदा की, जिसने नस्लवाद-विरोध का विरोध किया, ट्रंप ने घोषणा की कि वह बहुत विशेष स्थान पर श्रद्धांजलि देने जा रहे हैं।
व्हाइट हाउस के पास स्थित एक ऐतिहासिक चर्च के नेताओं का कहना है कि वे राष्ट्र के लिए प्रार्थना कर रहे थे। दरअसल, ये हिंसा विरोधी नस्लवाद और पुलिस-विरोधी क्रूरता के विरोध में भड़क गई । अधिकारियों ने कहा कि डीसी जॉन अग्निशामकों ने रविवार को सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च के तहखाने में आग लगा दी। इसके बाद चर्च के बाहर एक बड़ी आग भी जल गई।
गौरतलब है कि देश में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। अब अमेरिका में हालात और बेकाबू हो गए। तोड़फोड़ हिंसा आगजनी से शहर के शहर दहल रहे हैं। 40 शहरों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। हिंसा की आग व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास के करीब तक पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव किया। उग्र भीड़ ने इमारतों पर फहरा रहे अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज को आग के हवाले कर दिया। बाद में सड़कों पर पेड़ गिराकर आवागमन बाधित कर दिया।