लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष ने संसद की कार्यवाही में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया, वर्चुअल पार्लियामेंट भी एक विकल्प

लॉकडाउन के चारचरण खत्म होने के बाद केंद्र सरकार नेदेश को अनलॉक करना शुरू कर दिया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिनअब मानसून सत्र के लिए संसद के दरवाजे जल्द खुल सकते हैं। सोमवार कोराज्यसभा सभापति एम. वैंकेया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सत्र कीतैयारियों परचर्चा की। उन्होंने तकनीक के इस्तेमाल को लंबे समय तक विकल्प के तौर पर अपनाने पर जोर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में पार्लियामेंट की वर्चुअल कार्यवाही पर विचार हो सकता है। लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों ने मानसून सत्र को लेकर संसद के सेंट्रल हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को सेंट्रल हॉल से लोकसभा के चैंबर में शिफ्ट करने और लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही एक-एक दिन छोड़कर संचालित करने का भी विकल्प है।
कोरोना के कारण कई देशों मेंवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संसद चली
15 मई को कोरोना प्रभावित अर्जेंटीना में पहली बार संसद की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। इसमें 72 में से 70 सांसद यानी 97% उपस्थित रहे थे। इसके लिए संसद की इमारत में दो बड़ी स्क्रीन लगाई गई। दो कनेक्शन लिए गए। पहली स्क्रीन भाषण और वोटिंग के लिए थी। जबकि दूसरी स्क्रीन सांसदों के रजिस्ट्रेशन और उनकी पहचान प्रमाणित करने के लिए लगाई गई थी। सत्र के दौरान कुछ सांसद ही सदन में मौजूद थे। इन सभी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया था।

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