फैकल्टी के नाम पर खेल कर रहे निजी आयुर्वेद कॉलेजों को सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) किसी हाल में बख्शने के मूड में नहीं है। विजिटेशन परफॉर्मा को लेकर सीसीआइएम का हालिया रुख कुछ यही बयां कर रहा है। विजिटेशन परफॉर्मा भरने की तिथि 17 जनवरी तक बढ़ा दी है। साथ ही यह हिदायत भी दी है कि इसके बाद कोई रियायत नहीं दी जाएगी। यानि अब कोई तिथि नहीं बढ़ेगी।
दरअसल, मेडिकल कॉलेजों में आए दिन कागजों में फर्जी शिक्षकों और चिकित्सकों की लंबी-चौड़ी सूची दिखाकर संबंधित चिकित्सा परिषदों और विश्वविद्यालय से मान्यता लेने के मामले सामने आते रहे हैं। स्थिति यह कि एक शिक्षक, कई-कई जगह सेवाएं दे रहा है। यह फर्जीवाड़ा समाप्त करने और शैक्षणिक कार्यों के उन्नयन के लिए सीसीआइएम ने कई कदम उठाए हैं। अब सीसीआइएम विजिटेशन परफॉर्मा को लेकर सख्त दिख रहा है। उत्तराखंड के कई आयुर्वेद कॉलेज, जिसमें विवि के तीनों परिसर शामिल हैं, ने सीसीआइएम के निरीक्षण के लिए विजिटेशन परफॉर्मा नहीं भरा है।