आयुर्वेद (Ayurved) में ऐसी बहुत सी जड़ी बूटियां हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार मानी जाती हैं. इन्हीं में कुछ हैं गिलोय (Giloy benefits) और अश्वगंधा. इनका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं और नुस्खों में किया जाता है. इम्यूनिटी बढ़ाने में गिलोय बेहद फायदेमंद (Giloy ke Fayde) होता है. वहीं अश्वगंधा भी सेहत को कई लाभ पहुंचाता है. जानें इनके फायदों के बारे में-
Coronavirus: कोविड-19 से पूरी दुनियाभर लड़ रही है. एक बात जो हर कोई कह रहा है वह यह कि इस बीमारी से लड़ने के लिए सबसे बड़ा हथियार है बेहतर इम्यून सिस्टर या इम्यूनिटी (Immunity Booster) यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता. आयुर्वेद (Ayurved) में ऐसी बहुत सी जड़ी बूटियां हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार मानी जाती हैं. इन्हीं में कुछ हैं गिलोय (Giloy benefits) और अश्वगंधा. इनका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं और नुस्खों में किया जाता है. इम्यूनिटी बढ़ाने में गिलोय बेहद फायदेमंद (Giloy ke Fayde) होता है. वहीं अश्वगंधा भी सेहत को कई लाभ पहुंचाता है. जानें इनके फायदों के बारे में-
अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits)
1. अश्वगंधा बैक्टीरियल संक्रमण में फायदेमंद माना जाता है.
2. तनाव से लड़ने में अश्वगंधा मददगार हो सकता है. अश्वगंधा में तनाव विरोधी गुण पाए जाते हैं.
3. डायबिटीज रोगियों के लिए भी अश्वगंधा को फायेदमंद माना जाता है.
4. अश्वगंधा के बहुत फायदे होते हैं. यह चोट को जल्दी भरने में मददगार होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने यानी कि इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने में मददगार है.
5. आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा से थायराइड की समस्या में भी लाभ मिलता है.
6. मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में भी अश्वगंधा फायदेमंद है.
7. महिलाओं में सफेद पानी की वजह से उनका शरीर कमजोर होने लगता है. जिसका असर उनके गर्भाशय में भी पडता है. लेकिन अश्वगंधा के सेवन से महिलाओं को इस रोग से निजात मिल सकती है.
नोट: अश्वगंधा का ज्यादा प्रयोग आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. अश्वगंधा के ज्यादा इस्तेमाल से आपको बुखार, थकान, दर्द की शिकायत भी हो सकती है.
गिलोय के फायदे (Benefits Of Giloy)
1. गिलोय का इस्तेमाल बुखार उतारने में किया जाता है.
2. एसिडिटी या पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है.
3. गिलोय कान के लिए अच्छा माना जाता है. कई कान के बीमारियों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है.
4. उल्टी में राहत दिलाता है गिलोय. पेट में गैस या एसिडिटी से जब जी मिचलाता है या उल्टी हो तो गिलोय रस और मिश्री का सेवन करने की सलाह दी जाती है.
5. गिलोय का इस्तेमाल कब्ज, टीबी, हिचकी, कफ की बीमारी, गठिया, फाइलेरिया, डायबिटीज की बीमारी, ह्रदय संबंधी बीमारी, कैंसर, आंखों संबंधी रोग, कान, मूत्र रोग आदि बीमारियों में किया जाता है.
अस्वीकरण : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें. XMT इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता