क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मौजूद कुछ आम सब्जियां भी डायबिटीज को कंट्रोल करने में जादू की तरह काम कर सकती हैं? जी हां, न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन मानती हैं कि अगर आप अपनी डाइट में इन सब्जियों को शामिल करें, तो आपका ब्लड शुगर लेवल काबू में रह सकता है और आप डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। आइए, जानते हैं ऐसी ही 9 सब्जियों (Diabetes Prevention Diet) के बारे में, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में हैं बेहद असरदार।
करेला
करेले का कड़वा स्वाद भले ही पसंद न हो, लेकिन यह डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें चैरेंटिन और पॉलीपेप्टाइड-पी जैसे तत्व होते हैं, जो नेचुरल इंसुलिन की तरह काम करते हैं और ब्लड ग्लूकोज को कम करने में मदद करते हैं।
तोरई
यह साधारण सी दिखने वाली सब्जी ब्लड शुगर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद एपिनिन और ल्यूटोलिन इंसुलिन के स्राव को बढ़ाते हैं और शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को बेहतर बनाते हैं।
परवल
परवल में ट्राइकोसैन्थिन, कुकुर्बिटासिन और ल्यूपियोल जैसे यौगिक पाए जाते हैं। ये तत्व इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और खाने के बाद होने वाले शुगर स्पाइक्स को कम करते हैं।
कुंदरू
कुंदरू के औषधीय गुण इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए खास बनाते हैं। इसमें मौजूद कुकुर्बिटासिन बी और टेरपेनॉइड्स इंसुलिन की तरह ही काम करते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल नीचे आता है।
ग्वार फली
ग्वार फली में भरपूर मात्रा में घुलनशील फाइबर यानी ग्वार गम होता है। यह कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे खाने के बाद ब्लड शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता।
चिचिंडा
चिचिंडा में सैपोनिन और फ्लेवोनोइड्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और शरीर की ग्लूकोज सहनशीलता को बेहतर बनाते हैं।
सहजन की फली
सहजन की फली को सुपरफूड कहा जाता है और इसका एक बड़ा कारण है इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड। यह तत्व भोजन के बाद ब्लड शुगर में होने वाली तेजी को कम करने में सहायक होता है।
कच्चा पपीता
पके हुए पपीते की तरह ही कच्चा पपीता भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और पैपाइन एंजाइम ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं और अग्नाशय की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
कंटोला
इसे ‘वन करेला’ भी कहते हैं। इस सब्जी में फेनोलिक एंजाइम पाए जाते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव दिखाते हैं, यानी ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं।