उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना साकार करने के लिये देश के हर क्षेत्र को चिह्नित करके काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने आईआईटी-कानपुर के उद्योग—अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम ‘समन्वय’ में हिस्सा लेते हुए अपने संबोधन में विकसित भारत और अर्थव्यवस्था समेत विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि विकसित भारत केवल विकसित नहीं होगा बल्कि वह आत्मनिर्भर भी होगा और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता होगी।
‘भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकसित भारत के लिए हर एक क्षेत्र को चिन्हित करके उस पर काम करना होगा। उन्होंने कहा, ”पिछले 11 वर्षों में आपने बदलते हुए भारत को देखा है। यह बदलता हुआ भारत जो आज फिर से दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था में से एक है, आज दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अगले दो वर्ष में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। तीसरी से दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में युवाओं का योगदान होना है और हमारे लिए वह समय विकसित भारत का होगा।”
‘BJP के सत्ता में आने से पहले यूपी में एक निराशाजनक वातावरण था’
आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश में एक निराशाजनक वातावरण था और देश में यह धारणा बन चुकी थी कि उत्तर प्रदेश सुधरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि पिछले आठ वर्ष में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के निवासियों के साथ मिलकर जो प्रयास प्रारंभ किये, उनका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है।
सीएम योगी ने कार्यक्रम की सराहना की
उन्होंने इस अवसर पर आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित समन्वय कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी नामक तीन महत्वपूर्ण विषयों पर अलग-अलग सत्र होंगे और उन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, जिन्हें लेकर आज एक सामान्य नागरिक, समाज, देश और दुनिया भी चिंतित है। उन्होंने कहा कि इससे लाभान्वित होकर वे अपने आप को आगे बढ़ाना चाहेंगे।
मुख्यमंत्री ने आईआईटी-कानपुर और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच तालमेल का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान विभिन्न निदानात्मक आकलनों के जरिये सरकार की मदद करने वाले इस संस्थान से डिफेंस कॉरिडोर परियोजना में भी सहयोग मिल रहा है।