लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए गए खर्च से उनके चुनावी अभियान के तौर-तरीके का कुछ-कुछ अनुमान लगाया जा सकता है।
अपनी रिपोर्ट में एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) यह हिसाब-किताब प्रस्तुत कर रहा, जिसमें पांच राष्ट्रीय और 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा किए गए खर्च का आकलन है।
बिहार में सबसे बड़े जनाधार वाले राजद ने लगभग 90 प्रतिशत से अधिक राशि यात्रा मद में खर्च की। उसने निर्वाचन आयोग को 8.715 करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा दिया है।
जदयू ने कुल 31.376 करोड़ रुपये खर्च किए। सर्वाधिक व्यय यात्रा मद में हुआ, लेकिन प्रचार-प्रसार पर भी उसने कम खर्च नहीं किया है।
राजनीतिक दलों को अपने चुनाव खर्च का विवरण लोकसभा और विधानसभा चुनाव की अंतिम तिथि से क्रमश: 90 और 75 दिन के भीतर निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।
इसमें विभिन्न स्रोतों से राजनीतिक दलों को प्राप्त कुल राशि और विभिन्न मद में हुए खर्च का ब्योरा होता है। चुनाव की घोषणा और चुनाव की समाप्ति के बीच प्राप्त धन की सूचना इस ब्योरे में होती है। ब्योरा में विभिन्न मद में हुए खर्च का आंकड़ा होता है।
ये मद हैं
प्रचार, यात्रा, विविध, प्रत्याशियों की दी गई राशि, प्रत्याशियों के आपराधिक मामलों के प्रकाशन पर, पार्टी की केंद्रीय एवं राज्य इकाई द्वारा इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म, एप्स व अन्य माध्यमों से वर्चुअल प्रचार पर खर्च।
इस बार हिसाब देने में जदयू ने तत्परता दिखाई। उसने मात्र चार दिन की देरी से ब्योरा प्रस्तुत कर दिया, जबकि राजद और लोजपा (रामविलास) ने 303 दिन की देरी की।
प्रचार खर्च के अंतर्गत मीडिया विज्ञापन, प्रचार सामग्री और जनसभा सम्मिलित हैं। यात्रा खर्च में स्टार प्रचारक और पार्टी नेताओं की यात्रा पर हुए खर्च सम्मिलित हैं।
राजद में सर्वाधिक यात्राएं तेजस्वी ने की। सड़क मार्ग के अलावा हेलीकाप्टर का भी उपयोग हुआ। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि यात्रा मद में लगभग 90 प्रतिशत राशि तेजस्वी के आवागमन पर खर्च हुई।
यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि पार्टी के प्रचार का पूरा दारोमदार उन्हीं पर था। इससे राजद में व्यक्ति विशेष के प्रभाव का सहज आकलन हो जाता है।
दूसरे क्षेत्रीय दल भी इससे अछूते नहीं। राष्ट्रीय दलों (भाजपा, कांग्रेस आदि) का खर्च इसलिए अधिक है, क्योंकि उनके ब्योरा में पूरे देश में हुए खर्च का हिसाब-किताब है।
राजद, जदयू और लोजपा (रामविलास) के खर्च का ब्योरा बिहार में लोकसभा चुनाव तक सीमित है। राजद ने लोकसभा के साथ आंध्र प्रदेश, जबकि लोजपा (रामविलास) ने लोकसभा के साथ अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी दिए थे। हालांकि, निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर इन दलों द्वारा विधानसभा चुनाव में किए गए खर्च का ब्योरा उपलब्ध नहीं है।