जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आंबेडकर के चित्र के आगे लालू प्रसाद यादव द्वारा पैर रखकर अपमान करने की जमकर आलोचना की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमे हिम्मत है तो लालू का विरोध करके दिखाएं। इसकी आलोचना करें। हर जगह वे कहते हैं कि डरो मत, हम भी उनसे कहते हैं कि लालू से डराे मत, आगे आकर विरोध करो।
पीके ने कहा कि बिहार में कांग्रेस सिर्फ लालू और राजद का झंडा ढोने वाली पार्टी बनकर रह गई है। अगर राहुल में हिम्मत है तो बिहार में अकेले चुनाव लड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि पहले लालू का झंडा ढोते थे, अब तेजस्वी का ढो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल मुझे गलत करने के लिए सिर्फ एक काम करें, वह लालू द्वारा आंबेडकर का किए गए अपमान पर एक बयान जारी कर दें।
प्रशांत ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री पर उन्होंने कभी सवाल नहीं उठाया। वहां कांग्रेस सत्ता में है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बिहार के लोगों का मजाक उड़ाया था और कहा था कि उनके डीएनए में छोटी-मोटी नौकरियां हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाया। कहा कि अगर जदयू नेताओं में दम है तो उनपर मानहानि का केस कर दें। साबित करें कि मुख्यमंत्री पूरी तरह स्वस्थ हैं।
मंत्री अशोक चौधरी को लिया आड़े हाथ:
प्रशांत ने मंत्री अशोक चौधरी, उनकी बेटी सांसद शांभवी चौधरी और दामाद सायन कुणाल को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री खुद को दलितों का नेता बताते हैं। वे सिर्फ इतना बताएं कि आखिर अब तक उन्होंने दलितों के लिए क्या किया है। राजनीति के नाम पर अपनी बेटी को सांसद बनाया और दामाद को धार्मिक न्यास पर्षद में शामिल कराया।
स्वास्थ्य मंत्री से मांगा इस्तीफा:
उन्होंने कहा कि जनसुराज बिहार में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। जनता तय करेगी कि उनकी पार्टी से कौन चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कुढ़नी में दुष्कर्म कर बच्ची की निर्मम हत्या और इलाज में लापरवाही बरते जाने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफा मांगा।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान भी उनकी नाकामी सामने आई थी और इस बार भी वे ही जिम्मेदार हैं। प्रेस वार्ता में जनसुराज के जिलाध्यक्ष इंद्रभूषण सिंह अशोक और डॉ. एके दास समेत अन्य मौजूद रहे।