भारतीय मूल के श्रीनिवास मुक्कमला ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है। श्रीनिवास अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के अध्यक्ष बन गए हैं, जो संगठन के 178 साल के इतिहास में भारतीय मूल के पहले ऐसे चिकित्सक बने।
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8 सेमी के ब्रेन ट्यूमर से लड़ी जंग
मुक्कमला की नियुक्ति 8 सेमी के ब्रेन ट्यूमर को हटवाने के लिए सर्जरी के कुछ ही महीनों बाद हुई है। उन्होंने कहा कि जब मैं मेयो क्लिनिक में ब्रेन सर्जरी से उबरने के लिए लेटा था, ट्यूब और तारे मेरी हर हरकत पर नजर रख रहे थे, तो यह रात, यह सम्मान और स्वास्थ्य सेवा में सुधार का यह अवसर एक बहुत दूर का सपना लग रहा था।
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स्वास्थ्य सेवा सुधार पर दिया जोर
मुक्कमला ने अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा,
मुक्कमाला ने लंबे समय से एएमए में काम किया है। पेन केयर टास्क फोर्स का भी उन्होंने नेतृत्व किया है और ओवरडोज संकट को संबोधित करने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां विकसित की हैं।
मुक्कमला ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भारतीय अप्रवासी डॉक्टरों और अपने गृहनगर फ्लिंट को दिया।
उन्होंने अपने माता-पिता, अप्पाराव और सुमति को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैं आज यहां उनके सपोर्ट के बिना नहीं आ पाता, जिनका साथ मुझे बचपन से मिला।” वे अपने बच्चों के लिए ऐसे अवसरों की तलाश में अमेरिका आए थे जो भारत में उपलब्ध नहीं थे।
पत्नी भी है डॉक्टर
मुक्कमला ने मिशिगन विश्वविद्यालय से अपनी मेडिकल डिग्री और शिकागो में लोयोला विश्वविद्यालय में रेजीडेंसी पूरी की। उनकी पत्नी नीता कुलकर्णी भी एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, जिनके साथ मुक्कमला मेडिकल प्रेक्टिस के लिए फ्लिंट लौट आए।
दंपति के दो बेटे हैं, निखिल जो बायोमेडिकल इंजीनियर हैं और देवेन जो राजनीति विज्ञान में पीएचडी कर रहे हैं।
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