मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में बन चुका है। राम दरबार की भी प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है तो बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का मेला होना चाहिए, सलार मसूद का नहीं, वह तो एक आक्रांता था। आक्रांता का मेला लगना मतलब गुलामी की मानसिकता। PauseMute
महाराजा सुहेलदेव की स्मृति में चित्तौरा झील तट पर तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मै कांग्रेस व सपा से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने महाराजा सुहेलदेव का भव्य स्मारक क्यों नहीं बनवाया? आजादी के बाद क्यों नहीं महाराजा सुहेलदेव के बारे में सोचा गया, क्योंकि वोट बैंक की चिंता थी। मुस्लिम वोट बैंक के नाते आक्रांताओं के बारे में कुछ नहीं बाेला गया। महापुरुषों का सपा-बसपा ने सम्मान हीं नही किया।
आक्रामकताओं का महिमा मंडन बंद होना चाहिए
सीएम ने कहा कि लगभग एक हजार साल पहले विदेशी आक्रामकताओं का क्या हाल हुआ, इसकी मिसाल पेश करने वाले महाराजा सुहेलदेव को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला, लेकिन पीएम मोदी ने वह सम्मान दिया। आज वह सम्मान महाराजा सुहेलदेव को दिया जा रहा है। अब विदेशी आक्रामकताओं का महिमा मंडन बंद होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का इस बारे में आदेश था राष्ट्र नायकों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन महाराजा सुहेलदेव को सम्मान नहीं मिला। क्यों महाराजा सुहेलदेव को यह सम्मान पहले नहीं मिला? क्योंकि लोगों को वोट बैंक की चिंता तो थी साथ ही महापुरुषों का नाम रख देंगे तो कहीं तुष्टीकरण की नीति फेल न हो जाए।
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