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World Brain Tumor Day 2025: हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता, डॉक्टर से जानें दोनों में अंतर

ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। उन्हें लगता है कि ये कैंसर जैसी बीमारी है। लोगों में भ्रम और घबराहट पैदा होने लगती है। ऐसे में आपको इन दोनों में फर्क मालूम होना चाहिए। आपको बता दें कि हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य यही होता है कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक किया जा सके। इससे आप समय रहते बीमारी को पहचान कर इलाज करा सकेंगे।
कैंसर और ब्रेन ट्यूमर में अंतर जानने के लिए हमने डॉ. कपिल जैन (एसोसिएट डायरेक्टर- न्यूरोसर्जरी, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत) से बातचीत की। उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर कैंसर हो भी सकता हे और नहीं भी। बताया कि लगभग 72% ब्रेन ट्यूमर Non Cancerous यानी कि Benign होते हैं।

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तेजी से फैलता है ये ट्यूमर

ये आमतौर पर धीमी गति से बढ़ते हैं। ये शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलते हैं। तो वहीं दूसरी ओर कैंसरस यानी कि Malignant Tumor तेजी से फैलते हैं। इनके लक्षण भी जल्द नजर आने लगते हैं। ऐसे समझें कि अगर आपको ये बीमारी हो गई है तो आपको हफ्ते भर में इसके लक्षण नजर आने लगेंगे।

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कैसे करें दोनों में पहचान?

डॉक्टर कपिल ने बताया कि Benign Tumor के लक्षण जल्दी नजर नहीं आते हैं। कई बार तो महीनों लग जाते हैं। जबकि Malignant Tumor के लक्षण तेजी से बढ़ते हैं। कुछ ही दिनों में आपकी हालत बिगड़ने लगती है और इसके लक्षण भी एक हफ्ते के अंदर ही नजर आ जाते हैं। MRI स्कैन (Plain और Contrast) के जरिए डॉक्टर इस बीमारी का पता लगाते हैं कि ये ट्यूमर कैंसरस है या नहीं।

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ब्रेन ट्यूमर के आम लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इस पर निर्भर करते हैं कि ट्यूमर किस हिस्से में है और कितना बड़ा है। कुछ मामलों में जब तक ट्यूमर बड़ा न हो जाए, कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। उनमें ये शामिल हैं :

  • बार-बार सिरदर्द होना, खासकर उल्टी के साथ
  • दौरे पड़ना
  • धुंधला नजर आना
  • एक ही चीज दो-दो दिखना
  • सुनने में कमी
  • चक्कर आना
  • शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी
  • याददाश्त में कमी
  • व्यवहार में बदलाव
  • हाथ-पैरों का सुन्न होना
  • संतुलन बिगड़ना
  • चेहरे में दर्द

कैसे कराएं इलाज

डॉक्टर ने बताया कि Benign Tumor के लिए जरूरी है कि ट्यूमर पर नजर रखी जाए। कभी-कभी सिर्फ रेडियोथेरेपी से ये बीमारी ठीक हो सकती है। वहीं कई मामलों में सर्जरी करने की भी नौबत आ जाती है। या फिर रेडियोथेरेपी के बाद भी सर्जरी करनी पड़ती है। दूसरी ओर Malignant Tumor के इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी करना पड़ता है। ये एकसाथ भी किए जा सकते हैं। यह ट्यूमर की गंभीरता पर निर्भर करता है।

क्या इससे बचाव संभव है?

उन्होंने बताया कि हर ब्रेन ट्यूमर को रोका नहीं जा सकता है लेकिन कुछ तरीकों से इसके खतरे को कम जरूर कर सकते हैं। जैसे बेफिजूल के रेडिएशन से बचें। काम की जगह पर सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन करें। अगर फैमिली में ब्रेन ट्यूमर का इतिहास रहा है तो Genetic Counselling ले सकते हैं। HIV/AIDS जैसी बीमारियों को कंट्रोल में रखें ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।

 

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