डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि अंजता की गुफाओं में स्थित बोधिसत्व पद्मपाणि के कमल की पत्तियों के आधारित प्रतिकृति बेंगुलुरु में तैयार कराई गई। ये 24 भारी भरकम पत्तियों का वजन 50 टन से अधिक है। इसे लोहे और विशेष कपड़ो से तैयार किया गया है।
ऐसे ही अनगिनत कला को यहां तैयार कर जापान ले जाने में काफी प्रयास करने पड़े। यह एक्सपो 13 अक्टूबर तक चलेगा। जिसमें ‘भारत मंडप’ सबसे लोकप्रिय आकर्षण स्थलों में एक है। उसने शीर्ष पांच मंडपों में जगह बनाई है।
इस एक्सपो में 160 से अधिक देश और नौ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया है। जबकि, भारत के विभिन्न मंत्रालय तथा राज्य भी देश के पवेलियन में अपनी विशेषताएं प्रदर्शित कर रहे हैं, गरबा डांस वर्कशाप, पारंपरिक परिधान प्रदर्शन और लाइव योग सत्र जैसे आकर्षण लुभा रहे हैं। उसमें भी भारतीय जायकों का स्वाद तो लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है।