थापर को वर्ष 2005 में सरिस्का बाघ अभयारण्य से बाघों के लुप्त होने की जांच और संरक्षण रणनीति के लिए गठित ‘बाघ कार्य बल’ का सदस्य भी बनाया गया था। उन्होंने शिकार-रोधी कानूनों और बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए कई वर्षों तक सरकार को सुझाव दिए और सक्रिय भूमिका निभाई।